हृदय में..
नहीं जला के रखना..
अबकी बार किसी
प्रतिशोध की भावना..!
यदि संभव हो..
तो क्षमा ही कर देना,
अन्यथा तटस्थ हो जाना..!!
यदि हो सके तो,
इस बार दंगों के बाद दीवारों पर
सब याद रखा जायेगा नहीं लिखना
और हो सके तो केवल एक बार....,
अतीत को भूल कर भविष्य देखना..!!!
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