बोला नहीं कभी, पर उन्हें खोने से डरते थे......
वो हमसे हमारा सर सहलाकर सुलाने की बात किया करते थे,
एक दूसरे को समझ कर कुछ खट्टी-मीठी "चुलबुली" बातें किया करते थे,
आज खो चुके हैं उन्हें, पछतावा होता है अपने किए पर,
बोला नहीं कभी,पर उन्हें खोने से डरते थे........
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