QUOTES ON #थी

#थी quotes

Trending | Latest
4 FEB 2020 AT 10:56

वो आवाज लगा के लोगो को यू बुला रही थी।
कुछ को भईया कुछ को दीदी यू मोहब्बत दिखा रही थी।
जब भीड़ बड़ी दरवाजे पर तब उनको थोड़ा डॉट रही थी।
पर लोग कुछ भी कहे मगर वो तो अपनी ड्यूटी निभा रही थी।

-


10 MAY 2020 AT 21:29

दिल के बिना ही जी रहे थे ।
थी कोई... जिसके लिए हम मर रहे थे ।।

-



एक कहानी...कभी बुना करती थी मैं
जिसका वो राजा और रानी हुआ करती थी मैं..

होती थी हमारी दिन भर...हजारों बातें
और रात बाहों मे उसकी गुज़ारा करती थी मैं..

वो सुनाता था अपने सारे सपने मुझे
राज... अपना बता दिया करती थी मैं

ज़िन्दगी का हर पल महकने लगा फिर
ख़ुद को नज़रो से उसकी सवारा करती थी मैं..

फिर कुछ यूँ हुआ और सपना टूट गया
राजा बिछड़ गया... और अब ख़ुद को ढूँढा करती हूँ मैं.!!

-



मोहब्बत थी मुझे तुमसे कभी, भुलाया नहीं मैंने तुमको कभी
कुछ मजबूरियां थी, कुछ अरमान थे मेरे
बिछड़ा भी था मैं तुमसे कुछ पल के लिए कभी
हाँ मैं खुदगर्ज था, था आशावादी मैं पहले कभी
सारा भरम टूट गया जब ठोकर खाया हमने किसीसे अभी
सच्ची मोहब्बत क्या होती है मुझको सिखाया था तुमने पेहले कभी
कितनी मोहब्बत थी तुम्हे हमसे हम न समझ पाये थे कभी
तुम्हारे दिल के किसी कोने में मैं अपनी जगह ढूंढता हूँ
सोचता हूँ क्या वही प्यार तुमसे मुझे मिल पायेगा कभी
या मेरे दिल के अरमान यूँही दिल मैं दफ़न होजायेगा कही।

(माफ़ी के इंतज़ार में)

-


12 MAR 2020 AT 17:41

अफ़वाह थी कि मुझे इश्क़ हुआ है
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना डाला

-


28 JAN 2020 AT 9:57

एक कली खिली थी बगिया में
एक भवरा उस पर मरता था
जानें कितने थे फूल वहाँ
पर वो पास उसी के फिरता था

उस बगिया के कुछ फूलों ने
उससे इसका कारण पूछा
भंवरे ने शरमा के ये कहा कि
अब लगता नहीं कोई और अच्छा

-


8 JUN 2018 AT 14:36

क्या थी...................?!?
ये जो भी थी वो क्या थी?
बड़ी रूखी सी थी? कितना अनमनी सी थी?
जैसे बेवजह, बेमतलब सी थी!
कुछ ज़बरदस्ती जैसी लग रही थी!!
गर ऐसी ही होनी थी,!!
तो क्यों हुई थी?
नहीं लगी अच्छी ये जो भी थी............!!!

ये "मुलाक़ात" थीSSSSS....... ???

-


15 SEP 2021 AT 22:35

जिसे चाहा हद से ज़्यादा,
उसने मेरा हाल तक भी नहीं पूंछा.....💔
जिसकी उम्मीद भी नहीं थी हमें,
उसने मेरा ख्याल और हाल दोनों रखा.....💔😔

-


12 NOV 2021 AT 11:04

पलकों के कोरों पर पलभर ठहरी थी वो
हाँ
कतरा थीं आँसू का इक
कहाँ
कहो
तुम्हारे मन की पहर भर को प्रहरी थी वो ।

-


25 JUL 2020 AT 10:51

वो पुराने दिन ,याद है ना।

-