झूठे वादे, झूठी कसमें, कसमों पर एतबार किया,
रोज बदलते रिश्तों ने ही, रिश्तों का अफ्गार किया।
जिनकी ख़ातिर उम्र हार दी, उन यारों ने वार किया,
सफ़र अभी जाने हैं कितना, बहुत दूर तक पार किया।
सांसे तो लेते हैं लेकीन अर्थी का सिंगार किया,
अपनों में ही हमनें यारो गैरों का दीदार किया!!
@Alfajokifakir
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