चांद का सितारों को देखना अच्छा नहीं लगता
आफताब का रोशनी मांगना अच्छा नहीं लगता
आओ महकती यादों की कम्बल में जरा सो लें
बेवफाई की सर्दी में जागना अच्छा नहीं लगता
बाजार से लाया हूँ मैं नकाब ,उसे तुम पहन लो
गैर नजरों का तुम पे ठहरना अच्छा नहीं लगता
गहने ,अलंकारों को तुम दरकिनार ही कर दो
कोहिनूर का सोने से सजना अच्छा नहीं लगता
ऐ "सूरज"अलविदा कह दे उन मीठी यादों को
बेवजह ही ख्वाबों में रहना अच्छा नहीं लगता
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