उस रोज़ जब पहली दफ़ा तुमने मेरे हाथों को अपने हाथों में लिया था तुम्हारे हाथ दुनिया के सबसे गर्म हाथ थे उस पल मुझे याद नहीं आई कोई कविता बस एक ख़्याल जन्मा था कि बस यही प्रेम है, बस यही बचा सकता है पृथ्वी को और मुझे बचाये रखना होगा इस गर्मी को सुना है मैंने कुछ नीले तारे बहुत गर्म होते हैं हाँ, मैं तोड़ लाऊंगी तुम्हारे हाथों में सजाने के लिए वो कुछ गरम तारे . मैं बनूँगी प्रेमी के लिए तारे तोड़कर लाने वाली पहली प्रेयसी!
चाँद पे काला टीका है, वो तो बेफिक्र है सितारों की जहाँ में, रोज कोई अपनों को खोजता है बस उनको नजर से बचाये कोई टूटते तो तारे है, क्या चाँद कभी टुटा है..