लगा लो जोर तुम चाहे जितना तानाशाही के लिए
हम भी लड़ते रहेंगे अपनी बेगुनाही के लिए..
कितना भी जुल्म कर लो कत्ल छुपाने के लिए ...
आएंगी अब तो लाशें भी गवाही के लिए ..
दिल में जुनून जिनके था नौकरशाही के लिए ..
रक़्स करते हैं अब अपने जिल्ले इलाही के लिए...
सियासत बिक चुकी है अपने ऐसो इशरत के लिए..
पकड़ लाते हैं बेगुनाह कार्यवाही के लिए।
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