आज फिर उसकी तस्वीर से बाते की मैंने, अपनी चाहतों का जवाब मांगा, उनकी रुसवाईयोंं का हिसाब मांगा मैंने और वो है कि आज भी, वैसे ही😞 हमेशा की तरह ख़ामोश !!!
ख्वाबों में कई दफा उससेे मुलाकातें की हैं | तन्हाइयों में खुद ही से उसकी शिकायतें की हैं | बेवजह लोगों से उसकी तारीफें की हैं| उसे ज़िन्दगी में लाने की बेहिसाब कोशिशें की हैं| हमने उस लापरवाह की यादों में, कई रातें अपनी अॉखें धुंधली की हैं | उसकी तस्वीर से बातें की हैं |
हर रोज उन बेईमान आँखों से मुलाकातें की हैं। तुझे रोज इस दिल का हाल सुनाया है मैंने ये जान के भी की तू न पलट के थामेगा मुझे हर शिकायतों को परे रख , हाँ आज भी तेरे तस्वीर से बातें की हैं।तेरी उन नादानियों से मुलाकातें की हैं।
कुछ पुरानी यादों से मुलाकातें की है याद आज भी आता है उसकी गोद में यूं सर रखना और छोटी मोटी नोक झोंक पर यूं आपस में लड़ना याद आता है उसका यूं बेवक़्त मेरे लिए परवाह करना और उसे देख कर चेहरे पर मुस्कान का यूं उभरना पर अब उसकी तस्वीर से ही बतिया लेते हैं और जो भी गिले शिकवें है वो खुद ही सुलझा लेते है