QUOTES ON #तसव्वुर

#तसव्वुर quotes

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13 DEC 2018 AT 22:48

आँखें भर देखता हूँ तुम्हें, तसव्वुर लगती हो,
नज़रें मिला शर्मा जाती हो, जयपुर लगती हो।

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16 AUG 2019 AT 15:02

फ़लक से आया कोई फरिश्ता था
या फ़ुवाद के हिस्से का फ़साना था..

उसकी फ़जल की में ग़ज़ल लिख रही थी
तसव्वुर में लब्ध उसके तरन्नुम गा रही थी....

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2 JUN 2020 AT 22:34

तेरी तस्वीर में दिन रात खोया
रहूँ ये मुमकिन तो नहीं,

मेरा भी अपना वजूद है मैं किसी का तसव्वुर तो नहीं ... !!

तसव्वुर - कल्पना

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21 SEP 2021 AT 20:33

ये चांदनी रातें और तसव्वुर दिलदार के
मखमली एहसास और धनक वो प्यार के।

वो तबस्सुम वो तरन्नुम उलझन तकरार के
उफ़्फ़ तौबा मार ही डालेगा जलबे यार के।

नज़रे झुकाएं मंद मंद मुस्कुराना गुलनार के
कैसे भुलाऊँ मुझे याद हैं दिन वो इज़हार के।

बस एक झलक पाने - खड़े रहना हर बार के
फुरकत में सोचता हूँ क्या दिन थे इंतेज़ार के।

बेरिदा हुआ शूल से चुभेने लगे ताने खार के
भूलाने लगी वास्ता पड़ा जब गमे'रोज़गार के।

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29 DEC 2019 AT 18:05

सुनो,
मुश्किल है तेरे तसव्वुर को यूँ तस्वीर में उतारना
के शोखी रंगों की कहाँ तेरे जमाल सी होती है..!!

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5 DEC 2020 AT 22:21

गुज़ारिश किसी की कभी तो सुनो तुम
दिलों की मोहब्बत अभी तो सुनो तुम

शिकायत, हिक़ारत, तग़ाफ़ुल, बग़ावत
निगाहों में उसकी नमी तो सुनो तुम

मोहब्बत नहीं है बता दो उसे फिर
तख़य्युल में उसकी कमी तो सुनो तुम

तसव्वुर ही करते रहे हो अभी तक
बसीरत से कुछ पल ग़मी तो सुनो तुम

मुरत्तब नहीं है हमारी मोहब्बत
क्यों बिगड़ा है 'आरिफ़' सही तो सुनो तुम

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24 FEB 2021 AT 19:14

ख़ुशी के आँसू बहा रहा हूँ
ज़रा अना को भुला रहा हूँ

हवास मुझमें नहीं रहे अब
गुनाह अपने छुपा रहा हूँ

तिरा तसव्वुर रहेगा दिल में
भले ही कुछ दूर जा रहा हूँ

शराब पीकर मिला हूँ तुझसे
तभी तो बातें बना रहा हूँ

जलन है 'आरिफ़' यहाँ बशर में
जले हुओं को जला रहा हूँ

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9 JUN 2021 AT 12:12

वो ख़ाक से उठाकर इंसान कर गया फिर
इंसान ख़ुद-ब-ख़ुद सब वीरान कर गया फिर

उसने कभी मोहब्बत हमसे नहीं निकाली
ये काम ज़िन्दगी कुछ आसान कर गया फिर

हम इश्क़ को किताबों में ढूँढते रहे हैं
पर इश्क़ पास आकर ऐलान कर गया फिर

मफ़्हूम कब मिला है आख़िर हमें ग़मों का
तसव्वुर सब भुलाकर गुलदान कर गया फिर

हम-राज़ भी नहीं है 'आरिफ़' यहाँ कोई अब
हर कोई दिल को अपने ज़िंदान कर गया फिर

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14 JUN 2020 AT 16:07

उसने किया है
शामिल यू
अपनी यादों में
भूले से भी ख्याल
किसी और का
नहीं आता
मिलता है सुकून बस
उसके ही तसव्वुर में
इश्क का मर्ज हैं कभी नहीं जाता

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1 MAR 2019 AT 10:35

यादों की सरजमी ं पर तेरा धुंधला सा अक्स,
वीरान ज़िंदगी को रौशनी से भर जाता है,
पुरानी किताबों में छुपे सूखे गुलाब की तरह
तसव्वुर तेरा सहरा-ए-दिल महका जाता है !

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