जैसी हो वैसी देखती क्यों नहीं,
यूं अच्छी होने का दिखावा कैसा?
जब प्यार ही नहीं है मुझसे तो,
यूं प्यार जताने का दिखावा कैसा?
प्यार तो किसी और से है तुम्हें,
तो हमसे जताने का दिखावा कैसा?
जब भरोसा ही नहीं है मुझ पर,
तो भरोसा जताने का दिखावा कैसा?
एक रिश्ते में टिकती क्यों नहीं हो,
यू दूसरे रिश्ते का दिखावा कैसा?
गलती तो इतनी बड़ी की है,
अब माफी मांगने का दिखावा कैसा?
प्यार, अदब, तहज़ीब, सलीका, ये ढोंग क्यों?
अब मासूम चेहरे का दिखावा कैसा?
जैसी हो वैसी दिखती क्यों नहीं हो,
यू अच्छी होने का दिखावा कैसा?
-Uv🌦️
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