अंधेरी रात के तारों में ढूंढना मुझे,
मिलूंगा दर्द के मारों में ढूंढना मुझे!
चला जो खामोशी की सल्तनत से टकराने,
उसकी अनकही जज्बातों में ढूंढना मुझे!
मेरे नसीब में लिखी नहीं है तन्हाई,
जो ढूंढना तो हज़ारों में ढूंढना मुझे!
मैं दुश्मनों के बहुत ही क़रीब रहता हूँ,
समझ के सोच के यारों में ढूंढना मुझे!
फ़क़त गुलों की हिफाज़त का काम है मेरा,
चमन में जाना तो कांटों में ढूंढना मुझे!
जहां कहीं भी मिले ज़िन्दगी, मिलूंगा वहीं,
धड़कते दिल के दायरों में ढूंढना मुझे!
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