QUOTES ON #ढलते

#ढलते quotes

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28 FEB 2020 AT 19:24

दुनिया भर की यादें हम से मिलने आती हैं,
शाम ढलते ही मेरे घर में मेला लगता है

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स्वतंत्र चमकते सूरज को,
हर शाम में ढलते देखा है,
दुनिया के सारे रिश्तों को,
यूं रंग बदलते देखा है....

काटों से भरी इन राहों पर,
फूलों को चलते देखा है,
इश्क़ वफ़ा के वादों को,
हाथों से फिसलते देखा है...

देखा है दर्द को यूं हमने,
जीते जी जलते देखा है,
मुस्कानों के पीछे अक्सर,
अश्कों को मचलते देखा है...

पल भर में दूर यूं होते हैं,
गिर गिर के सम्भलते देखा है,
स्वतंत्र यहाँ एहसासों को,
लम्हों में बदलते देखा है....

सिद्धार्थ मिश्र

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22 AUG 2020 AT 14:35

मै करूँ भी तो किस बात का घमंड?
अपनी परछायी को भी हमने,
अंधेरे मे साथ छोड़ते देखा है।

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28 DEC 2018 AT 21:48

"लोगों ने उसे मेरी परछाई क्या कहा,
वो सूरज ढलते ही कहीं दूर चली गई..."

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3 SEP 2024 AT 22:59

समाज का रंग देखो, किस तरह का सुलूक है,
उगते सूरज को सलाम, ढलते सूरज को तिरस्कार है।
हर नई शुरुआत पर खुशी का हुजूम सजता है,
मगर पुरानी राहें, अक्सर ही नजरअंदाज होती हैं
दूसरे का सुख देख दुखी होना
दूसरे का दुख देख जश्न मनाना
यही समाज का चलन है
अपनी कमियां छुपाकर दूसरों पे फब्तियां कसना
प्रेम,दया,करुणा से दूर रहना
बस एक दूसरे से जलन है

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15 AUG 2018 AT 23:46

महँगी पड़ी बहुत ये आज़ादी हमको
बस यूँही एक ख़याल छू कर गुज़रा मुझे
बस ख़याल ही था.. छू कर गुज़र गया
दिन ढलते ढलते..

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26 DEC 2018 AT 11:50

"ढलते दिसंबर की तुमसे कुछ गुंजाइश है,
गुजर गया साल पूरा आज भी
तुझे पाने की इस दिल में ख्वाहिश है ,,Ap
AMSINGH
,,मेरा इश्क़,,

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24 JAN 2021 AT 20:00

धीरे-धीरे ढलते सूरज का सफ़र मेरा भी है,
शाम बतलाती है मुझको एक घर मेरा भी है...

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24 MAY 2022 AT 22:01

दिन ढलते गए
प्यार बढ़ता गया
एक तेरी यारी
उम्र भर के दर्द का
इलाज बनती गई

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24 JUN 2019 AT 9:37

जीवन को मैंने बड़े गौर से ढलते देखा है
लोगों को अपनी आदतें बदलते देखा है
बिना किसी मंजिल के राहों पर चलते देखा है
समाज में कुरीतियां और अत्याचार का बालक पलते देखा है
लोगों के मन में अहंकार का बीज फलते देखा है
इंसानों को आवश्यक जरूरतों की कमी खलते देखा है
सरल व्यक्तित्व को जटिल व्यक्तित्व में ढलते देखा है
खुशनुमा मौसम को अपना रंग बदलते देखा है
छोटो के मुंह से बड़ों के लिए अपशब्द निकलते देखा है
पक्के दोस्तों को दुश्मनों में बदलते देखा है
जीवन को मैंने..... बड़े गौर से ढलते देखा है।

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