QUOTES ON #डाली

#डाली quotes

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7 MAY 2020 AT 23:18

शाख से टूटा हुआ पत्ता हूँ मैं ज़नाब,
मुझे आता है बहती हवाओं के साथ उड़ना

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19 APR 2021 AT 0:20

डाली-डाली पत्ता-पत्ता याद करता
आदमी ही क्यों हमें बर्बाद करता

जड़ से पानी खींचकर है घर बनाया
ज़िन्दगी की हर तना फ़रियाद करता

काटते हो जब भी तुमको हो ज़रूरत
फिर गुनाहों से ख़ुदा आज़ाद करता

बिन हवा के जी नहीं सकते कभी तुम
इक हवा से तन सभी आबाद करता

काश तुम भी इक लगाते पेड़ 'आरिफ़'
कौन ये सब अब तुम्हारे बाद करता

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सूखे पत्ते की तरह उङ चली मैं हवाओं के साथ
अब तो जहां अंधेरा है वही मेरा सवेरा है।

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16 OCT 2018 AT 18:10

सुनो आज हमने डांडिया खेल डाला
मजनू की खाल मांग रही थी मसाला
पहले जी भरके ठुकाई करी
इधर घूंसा उधर लात धरी
नवरात्रों में भी कमबख्त छेड़ रहा था
मुझे भी चण्डिका का क्रोध भरा था
जैसे ही छूने को आगे बडा़
दे घुमा दे पटक लठ्ठ बरसा दिया
अब देखूं कैसे हाथ लगायेगा
कैसे हुई थी ठुकाई याद आ जायेगा

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22 AUG 2019 AT 23:23

आज की रात भी बीतेगी,
कल का दिन भी ज़रूर आएगा।

आज जो तूने खो दिया,
कल उससे बेहतर कुछ पाएगा।

आज जो वो डाली सूख गई,
कल देखना फूल खिल आएगा।

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20 MAY 2019 AT 8:12

शब्द नहीं है कुछ कहने को उसकी तारीफ़ में ,
यूं समझ लो की कुछ फूल हर डाली पे नहीं होते ।

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तारीफ़ क्या बयाँ हो अब आली जनाब की
पयकर है उनका जैसे कि डाली गुलाब की

रुख़सार पर शफ़क़ की हैं रंगीनियाँ तमाम
और आँखें हैं दो भरी हुई बोतल शराब की

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28 JUL 2020 AT 19:42

खि़ला था जो फू़ल मेरे मन के आंगन में,
उसमे भी तूने कांटो की एक डाली दी है।

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25 JAN 2020 AT 8:45




सब ज़ज़ा-ए-ख़ैर की दुआ मांगते चलो
ख़ुदा करे की थाली सब की भरी रहे

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25 FEB 2020 AT 14:46

नित्यप्रति तुम हवा में आकर
झाड़ते हो पुष्प की डाली
कोमल पंखुड़ियों को तुम तो
मेरी राह‌ बिछाते माली
कनकचंपा पलाश की आस
उन्मुक्त निरखती जाली
कभी समीर कभी भंवरा बन
प्रिय है आता भिन्न-भिन्न पाली
पुष्पित पल्लवित मधुवन विभोर
पुहुप विभिन्नता विस्तृत घुंघराली
चतुर हो तुम प्रिय मेरे प्रति अनंत
तोड़ते हो पुष्प केवल उत्पाली
चुन-चुनकर जिसे मैं हूँ गुंथती
पहनाती कवि कवियत्री भोली-भाली

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