कुँवर दीपेन्द्र "नादान" 3 JAN 2020 AT 19:12 काश मैं डाकिया होता और तुम होती लवलेटर प्यारे प्यारेपढ़ लेता चुपके से दिल के हाल सारे.....©कुँवर की क़लम से....✍️ - Arif Alvi 19 JUL 2020 AT 1:47 लिखना लिखाना पढ़ना पढ़ाना होता थाउन दिनों डाकिये से भी याराना होता थाअब न वो पता है और न ख़त है कोईहर लफ़्ज़ कितना जाना पहचाना होता था - Arif Alvi 11 JUL 2020 AT 1:08 यहाँ कौन अपना कौन पराया क्या पताकिसने किसका ख़त जलाया क्या पतामेरी बात उन तक पहुँच ही जाएगी अबकहाँ जाएगा? कौन डाकिया? क्या पता - Vihaan 13 JUL 2018 AT 21:47 डाकिये को भी इंतज़ार है, अब तुम्हारे जवाब का,मेरे ख़त के बदले तुम खाली लिफ़ाफ़ा ही भेज देती। - Mrbenaam 29 SEP 2019 AT 9:17 आधी उम्र जिसे खत भेजता रहा हूँवो क्या जाने बिना तनख्वाह का डाकिया रहा हूँ - Mahesh Mehar 29 AUG 2020 AT 15:01 वापस ले आया डाकिया चिट्ठी मेरी.. बोला पता सही है,, बस लोग बदल गए..__!! - रचना 9 OCT 2020 AT 11:02 कोई लिखे खत तो डाकिया पहुंचाने आये कोई शिकवा नहीं खाली हो.. पर कोई बीते दिनों की याद दिलाये। - सत्यम पाण्डेय 🕊️ 10 SEP 2020 AT 11:22 सुनो...!जैसे लेखक के लिए''श्रृंगार रस'' का स्थायी भाव है रति,प्रकार :- संयोग और वियोग...००००००००००००००००ठीक वैसे ही मेरे लिये 😊''श्रृंगार रस' कास्थायी भाव हो तुम, ☺️प्रकार :- झुमके (संयोग) और बंधे बाल (वियोग) - Samruddhi Patait 19 JAN 2019 AT 18:47 इन हवाओं मे कोई तो लहर होगी तेरी डाकिया,बस इसी उम्मीद मे सांसें चलती हैं तुम बिन.... - Komal Rawat 9 FEB 2018 AT 7:21 तुम्हारे ख्याल भी ना बिल्कुल डाकिये से है...मै कही भी रहूँ ,वो पास आ ही जाते है तुम्हारी हर एक यादें लेकर💕 -