तुमको जोभी कहागया,बस इतना काम करो
काम खत्म होने पर , चाहे तो आराम करो
चलताचलबसअपनेपथपर,मंजिलखुद पासआएगी
मंजिल हासिल होती तब तक नहीं विश्राम करो
एक बार में एक लक्ष्य रख,आगेआगे बढ़ता चल
मंजिल मिल जाने पर ही,फिर वहां मुकाम करो
जीवन पथ में कई मंजिलें ,कई ठिकाने आते हैं
जिस जगह मन करे रुकने का,वहीं कयाम करो
अच्छी संगत रखना,दुर्जन से तुमको बचना है
दुष्टोंसे नजदीकी क्यो,बस दूरसे सलाम करो
बस,इतना तो करो.......
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