QUOTES ON #ठिकाना

#ठिकाना quotes

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14 JUL 2021 AT 8:54

क्यों हो तुम ऐसे गुमसुम, जरा तो मुस्कराया करो,
कब तक बेबसी में तुम खुद को क्यूँ जलाया करो!

हंस के बोला करो, बेझिझक मुझे भी बुलाया करो,
ये तेरा ही तो घर है, हक से आया जाया भी करो!

क्यूँ रोज रात को तलाशती हो तुम मुझे ख़्वाबों में,
तसल्ली हो जाएगी तुम्हे रूबरू मिल जाया करो!

रोज लिखता हूँ मैं तुमको कागज़ पर हर्फ़ दर हर्फ़,
बनके मुकम्मल असआर ग़ज़ल बन जाया करो!

गुजर चुके हैं अनगिनत मौसम सावन से पतझड़,
बन के बसंत तुम अब तो, जिंदगी में आया करो!

सुर बेसुर तो हो चुके, लय ताल भी अब खो चुके,
बन के पायल की झंकार, तरन्नुम बन जाया करो!

बस एक आखिरी इल्तिजा है जो तुमको इल्म रहे, _राज सोनी
हूँ मैं दरबदर, "राज" का ठिकाना बन जाया करो!

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19 MAY 2020 AT 8:05

आधी भूख, बोझिल मन, अधूरे ख़्वाब से दिल रो रहा है,
रास्ते वो ही, रहबर वो ही, गाँव का ठिकाना ढूंढ रहा है!

मायूस रुख़, दरीदा बदन, शिक़स्ता पाँव लौट रहा है,
ख़त्म हो गईं ज़रूरतें शहर की, सो गाँव, गाँव लौट रहा है!

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9 MAY 2021 AT 15:39

रोज़ ठिकाने बदलती रहती हैं
ख़ानाबदोश सी हो गई हैं ख़्वाहिशें भी!

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11 NOV 2019 AT 7:56

कण कण व्यथित मन, द्रवित मन,
बावरा मन, बोल तेरी मंज़िल कंहा..

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1 MAY 2019 AT 11:40

लापता हूँ कब से मैं
खुद का कोई ठिकाना नही

हमेशा जिया औरों के लिये
अपनी खुशी कभी जाना नही

हर पल किया औरों के नाम
अपना वजूद कभी जाना नही

खोया रहा इस झूठी दुनिया में
सच क्या है कभी पहचाना नही

लापता हूँ कब से मैं
खुद का कोई ठिकाना नही

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16 APR 2018 AT 7:17

न कोई तस्वीर तुम्हारी, न मिलने का कोई ठिकाना है,
अब हर पल, तुझे देखने का मन करता है, इसलिए.!
हमने भी, कागज़ पर बना दिया, तस्वीर तुम्हारा है।।

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27 DEC 2020 AT 9:00

तेरे इस नजर का नजराना क्या है
मोहतरमा तेरा का ठिकाना क्या है
तू बोल मुझसे मैं हर रोज मिलूंगा
बदले में इसका जुर्माना क्या है

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13 JUL 2020 AT 14:31

उसने तो अपनी गली में आने से मना कर दिया मुझे,
पर हर रोज मेरी गली आना नहीं भूली |
वो जानती है उसे देखने से सताया जाता हूं मैं ,
पर वो मुझे हर रोज सताना नहीं भूली |
कहने को तो वो भूल चुकी है मुझे ,
अफसोस अब तक वो मेरा ठिकाना नहीं भूली||

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17 FEB 2020 AT 1:37

और
मेरे
दिल
का
ठिकाना
एक
ही
है।

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23 APR 2018 AT 5:43

न कोई, ठिकाना तेरा और ना ही मेरा, कोई ठिकाना।
यू ही, बस, एक - दूसरे में रहे हम,
तो हो जाए, ये सफर, सुहाना।।

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