टैक्स:
खुल कर जीना,हँसना, बोलना
मन चाहा काम करना, खुश रहना
अपने प्रियजनों के साथ जीवनयापन
मन में आए भावों को कलमबद्ध करना
मन चाहा पढ़ना,प्रातःकाल उठ कर सैर
को जाना, व शांत मन से उद्यान में बैठ
कर योग करते समय आज अकस्मात
मन में एक विचार आया यदि, जीवन
के इन सब सुखों पर सरकार टैक्स लगा
दे???तो??????
सब से अधिक टैक्स हमारे साँस लेने पर लगेगा!!!!
बस एक विचार......
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