Anuup Kamal Agrawal 4 OCT 2016 AT 18:26 Paid Content - Vijeta Rathoure 4 JUN 2018 AT 13:09 मैं 'विजेता' हूँ.....गिरती हूँ संभलती हूँ,टूटती हूँ बिखरती भी हूँ,बस, हारती नहीं।✌️😊💕 - ज़ैनब ख़ान 29 MAY 2020 AT 5:26 कितना कुछ टूटा हुआकलम से बुहारता है एक कवि!तब जाकर पन्ने पर कविता उतारता है एक कवि!मन को टटोलता है,शब्द भावों से तौलता है,सृष्टि के कितने पहलुओं पर बोलता है एक कवि! जीवन की जटिल गुत्थी कविता-दर-कविताआजीवन खोलता है एक कवि... - Pankaj Kumar 10 JUL 2020 AT 11:27 गुज़ारिश इस दिल से इतनी थी फिर किसी पर फ़िदा ना होनामगर ये मेरी एक-भी ना मानाइसे फिर से टूटना जो था💔😭 - कमल जोशी 7 SEP 2020 AT 19:00 ख़ुद तोड़ कर कहतें हो,कि अब टूट गये हो,तोड़ कर हाथ से छूते हो,फ़िर कहतें हो चुभते हो!! - Shalini Nath 6 DEC 2020 AT 15:53 रिवाज़ ख़त्म मनाने का, अब रूठने के बाद बेहद मजबूत हो गई हूँ अब टूटने के बाद! - Anu Chhangani 21 JUL 2018 AT 7:35 भरसक थी बगावतें जो कभी, शून्य हो गई, जबइक वक़्त से पलकों पर सजे ख़्वाबों ने गीड़ पकड़ ली !! - कमल जोशी 7 AUG 2020 AT 9:04 फ़ुर्सत गर मिल जाये आंसमा की बुंलदी से तो लौट आना,हम जमी पे है......जमी के मसले पर बात करेंगे तुमसे!! - Kokil Jain 12 SEP 2018 AT 9:44 बस उस कांच की तरह बना रखी है शख्सियत अपनी,,की टुकड़े चाहे हजार हो जाए फिर भी चमकना नहीं छोड़ता,,।। - Anuup Kamal Agrawal 8 MAY 2018 AT 22:14 तूफान आया और चला भी गयालोग जान न पायेक्या टूटा कौन बिखरा -