इसी का नाम जिंदगी
कभी कभी आपको ये भी पता नही होता, कि आपका उनसे रिश्ता क्या है। आप उन्हें जानते भी नही है। उनसे कभी मिले भी नही है ,फिर भी रूह में महसूस होते हैं ।आपकी आंखें नम होती हैं। आप बार- बार सोचने पर मजबूर हो जाते हो, कि ये क्या हो रहा हमारे साथ ।उसका झुकाव कही दूसरी ओर देख आपका दिल ठहर जाता है, कराह उठता है, दिल विवश हो जाता है। पर ऐसा क्यों होता है, दिल समझ नही पाता । दिल कितने ताने- बाने बुनता है पर हर बार नाकामी हाथ लगती है पता नही उसे सोच कर आँखे क्यों भर आती है ।कितनी विडंबना है इस दिल मे ।आख़िर क्यों होता है ऐसा इंसान? समझ क्यो नही पाता।ऐसा लगता है कोई दिल पर गहरा घाव लगा रहा हो।कितना बेबस, कितना लाचार हो जाता है इंसान। कभी कभी पास होकर भी दिल किसी को जान नही पाता और कभी -कभी दूर होकर भी जैसे सदियों से जानते हो उसे।शायद इसी का नाम जिंदगी है ।
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