QUOTES ON #जज़बात

#जज़बात quotes

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2 SEP 2019 AT 20:18

ओ माँ
कर दे मेरी सिफारिश उस ऊपर वाले से
क्योकि सुनता है वो सिर्फ तेरे हवाले से

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20 JUN 2018 AT 13:59

तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ है मुझे
कि मेरे जज़्बात अब तक महक रहे हैं ..

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12 JUN 2020 AT 13:49

💖💖💖 दर्द किसे पेश करूं 💖💖💖

नग़मा-ओ-शेर की सौगात किसे पेश करू
ये छलकते हुए जज़बात किसे पेश करूँ

शोख़ आँखों के उजालों को लुटाऊं किस पर
मस्त ज़ुल्फ़ों की सियह रात किसे पेश करू

गर्म सांसों में छिपे राज़ बताऊ किसको
नर्म होठों में दबी बात किसे पेश करू

कोइ हमराज़ तो पाऊ कोई हमदम तो मिले
दिल की धड़कन के इशारत किसे पेश करू

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11 OCT 2018 AT 14:13

तेरे गर्म ज़िस्म ने ऐसे छुआ था
कि अब भी मेरी रात दहक रही है

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16 MAR 2020 AT 6:51

हर ख़ुशी और ग़म में वो मेरे साथ हो ये ज़रूरी तो नहीं...
हो ग़र साथ मग़र वही ज़ज्बात हो ये ज़रूरी तो नहीं...

तितलियाँ भी पंख कटने पर तड़प उठती होंगी मग़र...
उनके भी हमारे जैसे ही हालात हो ये ज़रूरी तो नहीं...

उनके दीदार की चाहत में आँख से मोती झड़ते है यहाँ...
वहाँ भी ऐसे ही बिन मौसम बरसात हो ये ज़रूरी तो नहीं...

ज़मीन भी सूख के आहिस्ता-आहिस्ता फटने लगती है...
पर पत्थर दिल होना सबकी औकात हो ये ज़रूरी तो नहीं...

आख़िर समेट ही लेगी इक न इक दिन "सदफ़" ख़ुद को...
सबके ही हिस्से में दर्द-ए-मसावात हो ये ज़रूरी तो नहीं...

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20 APR 2019 AT 11:44

और फिर बोलो
यू अपना राज न खोलो
कुछ तो लोग कहेंगे
पर तुम अपने जज़बात न तोलो

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8 JUN 2021 AT 17:21

नही होती मोहब्बत ,,,,
महज़ जिस्म ,,,छू लेने से
हुजूर ,,,,,,,,इश्क़ तोह वो ,,,जज़्बा है
हम ,,
जिसे इबादत कहते है,,,;;

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9 MAR 2020 AT 5:51

चिडियों को चहकते देखा हैं यहाँ अगर,
इंसाफ पे आई फिर तो पुरे हिंदुस्तान को ही लिखूँगी...

देखे हैं बहुत हल्ले हर जगह मेने अगर,
आवाज़ उठाई फिर तो देखना पूरी क़ायनात लिखूँगी...

तादाद में गरीबो को देखा हमने अगर,
खोज में आई फिर तो हक डकैतो के वो राज़ लिखूँगी...

चेन की नींद सुलाया उन्होंने हमें अगर,
जफ़ा बरताई फिर तो उजड़ी हुई हर मांग को लिखूँगी...

दिया सबने अपना ज़र्रा ज़र्रा यहाँ अगर,
सबूत मांगे फिर तो लहू से पुराने हर कागज़ात लिखूँगी...

हालात तो सारे जानती हैं "सदफ़" अगर,
कलम जो उठाई फिर तो सब कुछ सर-ए-आम लिखूँगी...

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15 JUN 2020 AT 11:06

लोगों की कमी नहीं मेरी ज़िन्दगी में,
पर जज़बात समझे कोई एेैसा भी तो दे ख़ुदा...

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11 OCT 2017 AT 19:02

ख़्वाब में
हुई जो
मुलाकात
लिखता हूँ

मैं अपनी
आँखों से
बरसात
लिखता हूँ

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