2122 2122 2122 212
झूठ औ'र जुमलों से जिनको है सजाया आपने
फिर हसीं कुछ ख्वाब आँखों में बसाया आपने।1
है चुनावों का ये मौसम ख़ूब भाषण होंगे अब
बोल कर हर झूठ उसको सच बनाया आपने।2
आपसी सद्भाव भूला तंज कसता जो रहा
एक ऐसा नेता बन के है दिखाया आपने।3
कुछ कहा और कुछ किया, समझा दिया कुछ और ही
अब पढ़े लिख्खों को है उल्लू बनाया आपने।4
कुछ न बदला ज़िन्दगी में मुश्किलें ही बढ़ रहीं
जीस्त मुश्किल, मौत को आसाँ बनाया आपने।5
पढ़ के ये ग़ज़लें "रिया" कहने लगेंगे सब यही
दर्द कितना दिल के अंदर है समाया आपने।6
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