हम भी नहीं भूले हैं अपने गुजरे कल को मुझे याद अब भी वो चेहरा जुबानी है यहां सिर्फ आप नहीं गुजरे हैं दयार-ए-मुहब्बत से हर सख़्श के हिस्से में एक कहानी है यहां
मेरी जिंदगी की बस एक छोटी सी कहानी है। आँख बंद करके अब तक सारी बात मानी है। सुनाऊं अगर कभी फुर्सत में तो सुनने आओगे? रोकर जाओगे फिर तुम भी, ये मेरी जुबानी है।