QUOTES ON #जुबान

#जुबान quotes

Trending | Latest
1 DEC 2019 AT 0:32

क्यूं शर्म से अपनी आंखें झुका नहीं लेते
क्यूं अपनी बुज़दिली का रंग दिखा नहीं देते
बिखर रही है देश की आबरू हर वक़्त
क्यूं अपनी आँखों से पर्दे हटा नही लेते,

आज फिर इक बार नारी जाति का अपमान हुआ
आज फिर इक बार आदमी इंसान से हैवान हुआ
किसे कुसूरवार ठहराऊ मैं,जो गलतियों पर हाथ जोड़ लेते हैं
या फिर दोष उन्हें दू जो गलत होता देख नज़रे मोड़ लेते हैं,

जिस देश में नारी शक्ति की पूजा करते हैं
लेकिन बात जब उनकी आत्मरक्षा की होती तो दुप्पट्टे ओढ़ लेते हैं,
क्या जरा भी ख्याल नहीं आया उन हैवानों को अपनी माँ-बहन के प्यार पर
जो उनकी रूह भी ना काँपी उस नारी को शर्मसार कर

किस अंधेरेपन में ये समाज मोम की बत्तियाँ लिए निखर रहा
उजालों के तो बावजूद भी हर वक़्त नारी का जिस्म बिखर रहा,
उसकी रूह भी अब चीख चीख कर मांग कर रही अपने इंसाफ की
उन हैवानों को जला के राख कर दो जिसने इंसानियत ख़ाक की

@Ritik Gupta







-


10 JUL 2018 AT 11:08

आजकल आँखे कम,जुबां ज्यादा लड़ाने लगी है
भर गया है मन शायद,अब छोड़ने की तैयारी करने लगी है

-



उतना ही बोलो जुबान से..
जितना फिर सुन सको कान से !!

-


9 NOV 2020 AT 18:58

दिल की बात कह दूं उससे
हमेसा दिल में ये जुस्तजू आती है
मगर जुबान ही नहीं खुलते है
जब कभी वो मेरे रूबरू आती है

-


6 JAN 2019 AT 16:54

SHORT इसके बाल है,
कुछ लटें इसकी लाल 🔴 है,
नजरें 👀 इसकी तीखी है,
जुबान 👅इसकी फीकी है,
नाक👃जैसे कली है,
NOSE RING💍इसकी पीली 💛 है
मुस्कान लबों💋पर खिली है,
जिसे चाहिए वो ले जाए,
आज बाजार में सब्जी बड़ी सस्ती है।

-



इस जुबान में हड्डियां नहीं होती !
पर इसी जुबान से
हड्डिया तुड़वाई जा सकती है !!

-


13 OCT 2019 AT 17:39

मेरे मुंह में थोड़ी-सी ज़बान रहने दे,
आईना दिखाने को घर में सामान रहने दे।

मिली है मुद्दतों बाद ज़िन्दगी मुझे,
दो चार दिन और मेहमान रहने दे।

मन्ज़िले दूर हैं और कठिन रास्ते,
बरख़ुरदार को ज़रा परेशान रहने दे।

आई रोटी हाथ में अरसे बाद बमुश्किल,
उस गरीब को जरा हैरान रहने दे।

छीन लो चाहे मेरे पैरों तले से ज़मीन मेरी,
नई मन्ज़िलें पाने को दिल में तूफ़ान रहने दे।

नहीं हुँ मैं तुम्हारी महफ़िलों के मुताबिक़,
जैसा हुँ वैसे होने का मुझमें गुमान रहने दे।

"साफिर" को पहचानते नहीं ये मॉल वाले,
होती जहाँ बात दिलों की ऐसी एक दुकान रहने दे।

-


15 NOV 2019 AT 14:49

बेवजह खुद को नाशाद कर रहा हूं मैं
उस कमबख्त पर वक्त बर्बाद कर रहा हुं मैं
हर रोज उसे भूलने की कश्मकश में
हर रोज उसे घंटो याद कर रहा हूं मैं

-


14 SEP 2019 AT 19:23

शब्दों के तीर अपनी जुबान से
जरा संभल के चलाना
सुना है ऐसे वार से आवाज़ नही होती
पर दर्द बहुत होता है,
छलनी कर देता है दिल अंदर तक

-


14 MAR 2021 AT 15:57

मैंने तो उसे सिर्फ एक्टिवा चलाना सिखाया था..
ना जाने कौन उसे पटर-पटर जुबान चलाना सिखा गया...

-