तुम नहीं हो पास,
न होती तुमसे कोई बात,
फिर भी ढूंढ लेता हूं,
हर पल, हर रोज,
जीने के बहाने।
कभी यादों के सहारे,
कभी तुम्हारे दिये,
किताबों के सहारे,
कभी सिर पर सहलाएं,
तुम्हारे उंगलियों के सहारे।
प्रेम के लिए अनगिनत,
शब्दों के सहारे।
तुम्हारे आलिंगन के सहारे,
ढूंढ लेता हूं, जीने के बहाने।
तुम नहीं हो पास तो क्या हुआ,
जीने के बहाने तो हैं।
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