जिस आंगन की बेटी रौनक होती हैं
उस आंगन की शान होती है बहू...
बेटी पापा की राजकुमारी होती हैं
तो बहू उस घर की लाडली होती हैं
बेटी जिस आंगन की होती है कलियां ...
उस आंगन का फूल होती है बहू...
जिस आंगन को सुना छोड़ आती है बेटी ...
उस आंगन की रौनक होती है बहू ...-
बेहद-बेइन्तहा-बेशुमार और इत्मीनान,, खैरियत,,
से लिखूगी हमारी अहलेदिल की किताब!!
फिर तुमको उसे शिद्दत-सा-पढा कर,, अपनी कैफ़ियत भी तो बयां करनी है मुझे!!..
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रोज की तरह तुम्हारी यादों के सहारे तुम्हें याद करना
तुमसे बात करना तुमसे रूठ जाना
आंखों में उम्मीद लिए मरे हुए एहसासों को
जीने लायक तैयार करना
हंसना लोगों के साथ
उन्हें ध्यान से सुनना
खुद को जिंदा साबित करने बीच में कुछ कह भी देना
अगली सुबह फिर वही तुम्हारी यादों के सहारे
वही रोज की तरह ख्वाबों की शाखों से छनकर
चुपके से मेरी रूह में उतरना
इन्हीं एहसासों ने दिल की गहराइयों से
दिल को छुआ था फर्क सिर्फ इतना
मैंने हद से बेहद इश्क तुमसे ज्यादा किया था
किस बात की कमी है जो आज
तुम्हारी ही याद जो ऐसे मुझे खल रही है
सुन ना दिल की गहराई में हो तुम
तुम ये बात अब मान क्यू नहीं जाते-
जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े-
Until nothing fall in love,
Till then the language
Does not emerge.
If there no love is no love
In our sense,
Then we will not be perfect
In the word of the writer.✍️
Caption in hindi-
जिसका आगाज़ मैंने किया ही नहीं
उसका अंजाम मेरे सर पर है
जिस ज़ुर्म से मेरा दूर-दूर तक नाता नहीं
उसका इल्ज़ाम मेरे सर पर है-
जिस ने जैसी भी तस्वीर बनाई मेरी.........
किसी से सुनकर बनाई यारो............
जैसा मैं हूँ किसी ने देखा ही नहीं....-
जिस पल नजर तेरी मेरी मिली,
उसी पल की कहानी हैं,
कसूर मेरा थोरी है,
सब तो दिल की नादानी हैं।।-