यूं ही आप, अपने लफ़्ज़ों में, हमारी जीक्र करते रहना, हम पढ़ के उन्हें, मुस्कुराएगें। खुदा से, एक हसीन दिन की मौहलत मांग कर, हम भी अपने, हाल-ए-दिल, आपको सुनाएंगे।।
मुझे मालूम है ... कि तेरी बातों में मेरा ज़िक्र आज भी है, मुझे मालूम है... कि तेरे दिल में मेरे खातिर उतनी ही मोहब्बत आज भी है, मुझे मालूम है.. कि तेरी इन सांसों में मेरी फरियाद आज भी है!!