QUOTES ON #जाड़ा

#जाड़ा quotes

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25 OCT 2017 AT 11:45

वो सर्द मौसम
थी सिर्फ ठिठुरन
थे खड़े सिर्फ हम दोनों
वो साथ ही
अब याद आता है
वो सुबह की धूप
बैठे रहते थे किसी मैदान में
अब याद आता है
कभी सोचा नहीं था
दूर होना होगा कभी ऐसे
वो तेरा हाथ छुड़ाकर जाना
अब याद आता है
एक शब्द वो तेरे की
अब कभी ना आने के लिए जाना होगा
ना जाने कहाँ था ठण्ड
एक बिजली सी दौड़ गयी
मेरे तन- मन में
मैं व्याकुल था कहाँ कुछ बोल पाया
वो तेरा जाते- जाते मुड़कर देखना
अब याद आता है
चली तो गई
मगर इंतजार तेरा लौट कर आने का
की अब आओगी अब आओगी
आ जाओ की अब तेरा दूर जाना
नहीं भाता है
वो तेरा हाथ छुड़ाकर जाना
अब याद आता है...!!
Date:- 25 अक्टूबर 2017 ©©

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11 JAN 2020 AT 13:23

ये मेरा प्रथम song है। किसानों कि समस्या व ठंड को याद करते हुए लिखा ये song आसा करता हूँ सबको पसंद आएगा।

जाड़ा, जाड़ा,जाड़ा,जाड़ा।
कैसा पड़ा इस साल ये जाड़ा।।
(पूरा song अनुशीर्षक में पढ़े)
तर्ज-जय जयकारा,जय जयकारा

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8 SEP 2019 AT 13:18

वो आयी थी जाड़े में
धूप बनकर।
पर मौसम कब ठहरा है...

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14 JAN 2019 AT 11:16

भरा पूरा दिखता हूँ मैं जाड़ों में
लिबासों के लबादे में
मुँह छुपाए मेरा बदन
अब सहमेगा बाहर आने में
छुप कर बैठेगा बन्द किवाड़ों में
खाते पीते घर का लगता हूँ मैं जाड़ों में...

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5 MAR 2021 AT 8:35

धूप दिखाकर
रख दिए
सन्दूक में
अगले मौसम के लिए
जाड़ों के कपड़े

पैंट ने कहा
अलविदा दोस्त
दस महीनों के लिए
बढ़ा मत लेना तोंद अपनी
मुझसे बिछड़ कर
अब फैलने की मेरी भी
कहाँ रही गुंजाइश
दर्ज़ी ने पिछले बरस ही
कर दिए थे हाथ खड़े

कोट ने रुआंसे होकर मिन्नत की
तुम्हारे बदन की ख़ुशबू सहेजे
कट जाएंगे हिज्र के माह
मिलना जरूर
अगले जाड़े में
करना अपनी
हिफ़ाज़त हर हाल में
जैसे तुम करते हो मेरी हिफ़ाज़त
कीड़ों से
नेफ्थलीन की गोलियां डालकर
और
धूप दिखाकर

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23 OCT 2017 AT 19:15

जाड़ा सा गम जीवन मे घुल ही गया था मेरे
उनके नाम की सुबह की धूप रौनक कर गई

अपनी कलम से HR 1454

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27 FEB 2019 AT 16:28

# जाड़ा #

जाड़े की ठिठुरती सर्दी में भी

राह तकी तेरी

धूप के इंतजार-सरीखा

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23 OCT 2017 AT 18:29

तेरे बदलते ही मुझे ये एहसास हो गया,
हाँ, तू दूर हुआ, पर दिल के और पास हो गया।

तेरी बाँहों का एहसास अब भी है बाकी,
कि जैसे बदन पर एक प्यारा सा लिबास हो गया।

अब तो जीवन भर पलभर को भी तू दूर नहीं,
तू तो जाता रहा पर साँसों में तेरा आभास हो गया।

तुझे जाते हुए देखकर भी रोयी नहीं आँखें,
हाँ, तू मेरा न रहा, पर मेरा कोई ख़ास हो गया।

तूने जाते हुए पलटकर मेरी आँखों में यूँ देखा,
कि युगों बाद जैसे फिर से महारास हो गया।

सितारे भी अब तो पूछते हैं तेरी मेरी कहानी,
उन्हें क्या बताऊँ कि ये मिलन तो यूँही अनायास हो गया।

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25 OCT 2017 AT 10:18

शायद इस सर्दीया वह फिर से मिले,
लेकिन जो छोड़ जाते है फिर कहा मिलते है ।
फिर भी शायद ....

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23 OCT 2017 AT 20:10


हमारी जिंदगी तो घनी रात के जाड़े की तरह थी...
तुमने सुबह की धूप की तरह आकर उसमें नई किरण भर दी।।

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