QUOTES ON #जातिवाद

#जातिवाद quotes

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9 JUN 2020 AT 14:31

वे लिखते हैं हिंदू-मुस्लिम,
ठाकुर, बामन और पठान।

सब इक दूजे पर हँसते हैं,
जैसे ऊदई वैसे भान।

धरम-जात औ' वंश घराने,
बस इतनी सबकी पहचान।

जी करता है काट गिराऊँ,
धर्म-जात वाली चट्टान।

कागज-पत्तर फाड़के फेंकूँ,
सब बँटवारे के सामान।

नाम के खाने में लिख डालूँ,
केवल और केवल 'इंसान'।

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23 JUL 2020 AT 8:11

अच्छा है ओ हवा!
जो तेरा कोई मज़हब नहीं है,
तेरा भी गर मज़हब होता
कितनों का दम तो यूँ ही घुट गया होता।

बरसती हुई यह बारिश भी
अगर मानने लगती जातियों को
न जाने कौन-कौन फिर
प्यासा ही मर गया होता।

कितने परिंदों के घोंसले
उजड़ते रोज़-दर-रोज़,
जो इन दरख़्तों ने अपना धर्म
हम-तुम - सा चुन लिया होता।

नहीं हैं सरहदें तो छाया हुआ है वो,
बँटा होता तो आसमाँ
ज़मीं पर बिखर गया होता।

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1 JUN 2020 AT 9:31

परे होकर...
सांसारिक रीतिओं से
जातियों से,धर्मों से,
विधियों, भाषाओं औ'
सीमाओं से...

निकट हो जाते हैं प्रेमी ईश्वर के।

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1 OCT 2020 AT 10:09

पड़ गई इसकी भनक थी ठाकुरों के कान में
वे इकट्ठे हो गए थे सरचंप के दालान में
दृष्टि जिसकी है जमी भाले की लम्बी नोक पर
देखिए सुखराज सिंग बोले हैं खैनी ठोंक कर

"क्या कहें सरपंच भाई क्या ज़माना आ गया
कल तलक जो पाँव के नीचे था रुतबा पा गया
कहती है सरकार कि आपस में मिलजुल कर रहो
सुअर के बच्चों को अब कोरी नहीं हरिजन कहो"

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12 JAN 2018 AT 21:29

लड़ रहे थे सब तो मैंने पूछ दिया कि बात क्या है ?
भीड़ ने तुरंत पलट कर पूछा कि मेरा जात क्या है ?

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24 JAN 2022 AT 23:27

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3 JAN 2018 AT 12:02

'ख़ाक' लड़ रहे लोग सब, पूछ पूछ कर ज़ात
राम , ख़ुदा हैरान हैं, नाज़ुक हैं हालात।।

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24 APR 2021 AT 10:53

हमारे यहाँ 'हम कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं', 'हम कनौजिया ब्राह्मण हैं' का दम्भ भरने वाली एक जमात है। ये जमात कहती है कि इनकी पैदाइश विराट भगवान के मुख से है, जहाँ थूक भरा रहता है। फिर जो थूक के ठौर से जन्मेगा वह कहाँ तक थूकेलापन न करेगा।

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12 SEP 2020 AT 8:07

परिंदे को परिंदे से मिलाया जाए ।
हर संभव नुस्खे को आजमाया जाए।

बीच में सियार आंख मिचोली खेले अगर,
तो सामने आए हर सियार को सुलाया जाए।

ऐ आवाम मिलाकर इन परिंदों को ,
अपना-अपना इज्जत बचाया जाए।

'तुम' और 'मैं' की खेल खत्म करो,
अब बस 'हम' सब को बताया जाए।

परिंदे को परिंदे से मिलाकर !
पूरा जमाना घुमाया जाए।।

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15 SEP 2020 AT 13:49

हम हिन्दू आदमखोर शेर है
जो ये बात न समझे हमारा तो उनसे बैर है
न बांटो गुर्जर,राजपूत,वैश्य के नाम पर खुद को
जरा जानो हमारे सनातनी धर्म को
वोटों के लोलूप तो चाहते ही है तुमको जुदा करना
तो तुम खुद को भगवाधारी हिन्दू ही कहना
तोड़ देना उनका हर भ्रम
समझ ले अब वो भी हिंदुत्व का मर्म
भेद न वो हमको अब पाए
चलो उनको अपनी शक्ति बताए
किसी के शोर से अब हिन्दू रुक नहीं सकता
चाहे जितना जोर लगा लो हिन्दू जातियों में टूट नहीं सकता
अपना भला अब समझ में आने लगा है
हमारा मन भी पंथनिरपेक्षता का सही अर्थ अब जानने लगा है
सिर्फ हिन्दू नहीं कट्टर हिन्दू बन के दिखाएंगे
सिर्फ हौसला नहीं तुम्हारा जबड़ा भी तोड़ दिखलाएंगे
एक शब्द भी जो तुम बोले हमारे खिलाफ
कसम से नया महाभारत यही रचाएंगे
तुमको तुम्हारी सही औकात तब दिखाएंगे
सोच कर मुंह अब तुम खोलना
हमको भी अा गया अब बोलना

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