सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी की उधेड़बुन में, ज़िन्दगी की उधेड़बुन में,
ज़िन्दगी, यूही तमाम हो जाती है,
सुबह....
न दिन को चैन है, न है रात को सुकूँ,
कोई नहीं है अपना, जिसे अपना मैं कहूँ,
अपनों की तलाश में, अपनों की तलाश में,
सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी....
सूनी सूनी राहें, सूनी सूनी है मंज़िल,
बहती जाये किस्ती, न है कोई साहिल,
साहिल की तलाश में, साहिल की तलाश में,
सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी...
लाखों खिलें गुल है, यूँ तो ज़माने में,
पर एक भी नहीं खिला, इस वीराने में,
बहारों की तलाश में, बहारों की तलाश में,
सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी...
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