QUOTES ON #ज़िदगी

#ज़िदगी quotes

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6 DEC 2019 AT 23:05

नहीं है चाह अब जीने की ..
फिर भी जीये जा रहें हैं ।
ऐ ज़िन्दगी ! देख ,
तेरे दिये ऑसुओं को हम ...
ज़ाम बनाकर पिये जा रहें हैं ।।S.S.

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14 MAR AT 19:14

हर काम अधूरा छोड़ दिया वो जो मुश्किलों से डर गया।
जो रास्ते में सही से न चल सका वो सीधे अपने घर गया।
ये ज़िंदगी तो ज़िंदादिली का नाम है सुन ओ मेरे हमराही।
जो ज़िंदगी जीने में थोड़ा कम रहा वो जीते जी मर गया।

पल भर के नाम और शोहरत वाले बहुत उछलते है यहाँ।
क्षणिक लोकप्रियता क्या गई पता भी नहीं चला किधर गया।
वक़्त की मार जिसको सही समय पर लग जाए उसका सही।
देखो ना जिसने भी समय की मार खाई एकदम सुधर गया।

जिसे बचपन से ही प्यार, लाड और दुलार मिला अपनों से।
वो बेचारा कुछ करना तो छोड़ो बिना मतलब बिगड़ गया।
हमने जब भी दिल लगाया दिल से लगाया, रूहानी प्यार किया।
वो मेरा हमसफ़र भी कैसा था देखो, मुझे पत्थर कर गया।

उसे खोना जैसे जिस्म से रूह ही एकदम से जुदा हो गई।
उसके जाने के बाद ऐसा लगा जैसे कि ये आशिक़ मर गया।
उसके साथ जो सपने सजाए तो वो मेरी दौलत थी "अभि"।
उसके जाते ही मेरे जीवन का सलोना सपना बिखर गया।

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23 DEC 2021 AT 15:39

वो टूटे फूटपाथ पर अपनी थालिया सजाता है
जहाँ से अमीर थूक थूक गुज़र जाता है,

कभी दाल मे नामक कम, कभी रोटी जल जाता है
एक गरीब की ज़िंदगी तो इसी मे निकल जाता है,

गुड़िया के लिए नई गुड़िया वो कहा खरीद पाता है
जाने कितने औलाद बस दिलासे मे पल जाता है

इस दौर मे भी कितना इंतज़ार किया चिठियों का
जिस दौर मे दुनिया खुद को डिजिटल बताता है,

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26 FEB 2017 AT 13:14

चाहता हूँ तेरा अक्स
चेहरे की तेरे ज़रूरत नहीं।
ज़िंदगी है तू, मेरी
जीने की अब ज़रूरत नहीं।
भुला कर तुझे
जी लूँ मैं थोड़ा सा।
ऐसा कह कर दिल को
मनाने की अब ज़रूरत नहीं।

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9 MAY 2019 AT 14:01

ज़िन्दगी की कडवाहट के आगे
करेला भी मीठा लगने लगा है।

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18 APR 2019 AT 11:00

कभी ख्वाब तो कभी अधूरी कहानी है
कुछ धुंधले से ख्यालों की रवानी है
ज़िन्दगी...

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25 MAR 2022 AT 13:11

उलझन ही उलझन जब हो जाती है
सुलझाने में उलझन और हो‌ जाती है
उलझनों की गुत्थी तो सुलझती नहीं
ज़िंदगी में और भी उलझन हो जाती है

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2 APR 2021 AT 20:32

सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी की उधेड़बुन में, ज़िन्दगी की उधेड़बुन में,
ज़िन्दगी, यूही तमाम हो जाती है,
सुबह....

न दिन को चैन है, न है रात को सुकूँ,
कोई नहीं है अपना, जिसे अपना मैं कहूँ,
अपनों की तलाश में, अपनों की तलाश में,
सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी....

सूनी सूनी राहें, सूनी सूनी है मंज़िल,
बहती जाये किस्ती, न है कोई साहिल,
साहिल की तलाश में, साहिल की तलाश में,
सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी...

लाखों खिलें गुल है, यूँ तो ज़माने में,
पर एक भी नहीं खिला, इस वीराने में,
बहारों की तलाश में, बहारों की तलाश में,
सुबह से शाम, यूही गुज़र जाती है,
ज़िन्दगी...

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3 APR 2019 AT 13:57

ख्याल, ख्याल,ख्याल सिर्फ तेरे ख्याल
क्यूं ये ख्याल मेरी ज़िंदगी का हिस्सा हैं ?
क्यूं तू ही मेरी हर बात का किस्सा है?
क्यूं दूर होकर भी हरपल पास तू है?
अब तू ही बता.....
करुं मैं क्या कि ना तेरे ख्याल रहें
और ना उनमें तू........??

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28 MAR 2017 AT 23:43

ज़िंदगी एक सफर हेैं
ड़रना नही हैं
साथ हमसफर हैं
रुकना नही हैं

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