QUOTES ON #जवानी

#जवानी quotes

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5 JUL 2020 AT 7:07

"तेरा होना चाहता हूं"

तेरे एहसांसो के मोती को, दिल के धागे में पिरोना चाहता हूं।
हर पल हो तेरी ही फिक्र, याद में इस कदर खोना चाहता हूं।

एक डर सा लगा रहता है यहाँ, कि कोई तोड़ ना दे मुझे
महफूज़ रखूं खुद को, तेरे दिल का वो कोना चाहता हूं।

मुद्दतें हो गयी हैं, सुकून की नींद नहीं पड़ती
अब तो बस तेरी, बाहों का बिछौना चाहता हूं।

छुपा चुका बहुत मैं, इन जज्बातों को जमानें से
तेरे कंधे पे सर रख अब, सरेआम रोना चाहता हूं।

जवानी नहीं मुस्कुराती कभी, अब उस बचपन की तरह
उछल पड़ता था खुशी से, बस वही खिलौना चाहता हूं।

अच्छे कामों में देर नहीं करते, चलो मुकम्मल कर दो
अपना बना लो मुझे, मैं तो बस तेरा होना चाहता हूं।

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21 MAR 2021 AT 12:53

बाप की डांट और भाइयों की...
आनाकानी के साथ बचपन गुज़र गया,
पति की बेमतलब मार खाते खाते...
जवानी गुज़र गई,
और औलाद की धौंस,
सहते सहते...बुढापा।

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1 JUN 2020 AT 9:37

रेत पर लिखा था मेरे इश्क़ की कहानी,
बहा ले गया उसे समन्दर का पानी..

उस रेत पर लिखा था मेरी जिंदगानी,
हल्का सा दिखा था उसमें मेरी प्रेम कहानी..

ज़िंदगी के मुक़द्दर में लिखा था जवानी,
बहा ले गया सब कुछ मेरी जिंदगानी..

वो थी मेरी ज़िंदगी की प्रेम दीवानी,
उसके जाते ही बिखर गयी मेरी प्रेम कहानी..

बहुत संभाला मगर संभाला नहीं गया
मुझसे तेरी प्रेम निशानी.
सब कुछ बहा ले गया मेरी आँखों का पानी..!

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11 OCT 2019 AT 8:20

बचपन कुछ यूहीं बीत गया,
और जवानी एक अजीब सी कश्मकश लाई है।

दौड़-भाग भरी है ज़िंदगी,
और परेशानियां हर कदम पर छाई है।

मंज़िल पाने की होड़ है सबमें,
और वक्त के साथ बेवजह की लड़ाई है।

पास रहकर भी दूरियां हैं अपनों में,
ना जाने हमने ये कौन सी दुनिया बनाई है।

बचपन कुछ यूहीं बीत गया,
और जवानी एक अजीब सी कश्मकश लाई है......

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10 AUG 2020 AT 12:47

इश्क़ है, दोस्ती है और रवानी है
लोग कहते हैं यही तो जवानी है

रुक नहीं रहा है रफ़्तार-ए-ज़माना
वो उसका, वो किसी की दीवानी है

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29 APR 2019 AT 0:15

आब दश्त-ए-जिस्म का सब ये जवानी पी गयी
बाद बचपन के यहाँ हर शख़्स सहरा हो गया।।

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5 JUN 2018 AT 22:49

अजीब सौदागर है वक़्त भी जवानी का लालच देकर बचपन ले गया...
अब अमीरी का लालच देकर जवानी भी ले जाएगा!!!

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3 NOV 2020 AT 10:28

ठोकर खाए थे तो संभल भी गए थे हम
हुई थी मुझसे भी गलती एक बार जवानी में
हांथ पकड़े थे तो पूरी उम्र निभाते लेकिन
एक नया किरदार आ गया था हमारी कहानी में

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7 JUL 2019 AT 19:55

'बचपन'
न जवानी की समझदारी
न बुढ़ापे का तजुर्बा

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7 OCT 2020 AT 19:35

रूप की सुबह पर कैसा इतराना ऐ जिंदगी
ढल जाता है रंग हर सुबह का दुपहरी में
और आती है शाम भी हर जवानी की

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