मिटा सकता नहीं कोई, ये वतन के वीर जवान को
जन्मे है वो देश में ये, जो लहराता यहां तूफान को
कर सकेगा क्या कोई, यहां देश के फौलाद को
मौत के घाट यहां उतार देंगे, सामने आए गद्दार को
लाल पड़ता हमारा तिरंगा, समेटता जब शहीद को
रों देता मां का आंचल, जब बिखरता अरमान को
घर लौटता ना वो रक्षक, रक्षा करता जो वतन को
उखाड़ फेखते जड़ से, मसलता जो हिंदुस्तान को
गर्व होता हमको देश से, सामना करता चट्टान को
फिर मारेंगे आतंकवादी तुझे लेकर अपनी जान को
मिटा सकता नहीं कोई, ये वतन के वीर जवान को
जन्मे है वो देश में ये, जो लहराता यहां तूफान को
-