करें सुरक्षा देश की, रखें बंद गृह द्वार
सबके हित में प्रार्थना, रहे सुखी संसार।
प्रीति-
दिल सोया था मन रोया था, महसूस हुई ये दिनों बाद बहुत!
है दुख मुझे ज़रा विफलता का, तो ख्वाब दूर मैं फेंक रहा हूँ।
कब इन अंखियों में धूल गई जो नींद भी जमकर आने लगी है।
पर जाना भी है मंजिल तक यह सोच के मन पछताने लगी है।
हम जान गए सच ज़िंदगी का, अब नहीं करना है कभी मनमानी।
अब कर निश्चय हम बोल गए चलो करके दिखा दें दुनिया को।
जो हित में हो जनहित में हो तो कभी हम याद तो आएँ सभी को।-
ये जो आप पढ़ रहे है,
ये जो आप सुन रहे है,
इसके शिकार आप भी होंगे
बस अभी समय तय नहीं हुआ है
- जनहित-
# 21-09-2022 # गुड मार्निग # काव्य कुसुम #
# सत्ता # प्रतिदिन प्रातःकाल 06 बजे #
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सत्ता में बैठी सरकार के कारनामों को खोलना होगा।
सत्ता में होने वाले कामों पर खुलकर बोलना होगा।
सत्ताधारी दल को सत्ता जनहित के अधीन दी जाती है -
सत्ता के कामों को जनहित की कसौटी पर तौलना होगा।
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ना डराये नाही डरें,
अपने घर में ही रहें.
घर भी तो मंदिर है,
आज घर पूजा करें,
राष्ट्रहित बड़ा धर्म है,
जनहित बड़ा कर्म है
जनता कर्फू है आज,
हम सब समर्थन करें.
कोरोना से हो राहत,
जय हिंद !जय भारत !
🙏सबका मंगल हो 🙏
-mkm
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यूपी बिहार के लोग पान मसाला बहुत खाते हैं
न न हरियाणा के लोग नहीं,उन्हें शराब से ही फुर्सत नहीं
पंजाब के लोग तो चुपके से एक अफीम की गोली बस
दिल्ली वालों को पैसे का नशा और प्रदूषित हवा ही काफी है मारने के लिए
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मीडिया को मिला
विश्व-कल्याण का नया मुद्दा
अब होगा जनता का उद्धार
😊हनी-प्रीत😊-
ऐसे अटल थे जिनके इरादे,किए नहीं कभी झूठे वादे
इतनी गंदी राज नीति में , बनके रहे सच्चे शहजादे
जब-जब था होता अन्याय,करते थे वो सच्चा न्याय
भल रूठे चाहे अन्यायी,सदा न्याय का मान बढ़ाये
समकालिक सरकारों के भी,बिगड़ेकाम उन्होंने सादे
मन में जो संकल्प वो लेते, सही समय पर पूरा करते
उनके इन्हीं गुणों से केवल ,विपक्षी भी उनसे डरते
गरीब कोई जुल्म नहीं झेले , लेते दृढ़ प्रतिज्ञ इरादे
जब होता था जुल्म किसी पर ,भावुक वो होजाते थे
पीड़ा से हो भाव विह्वल तब ,आंसू भी आ जाते थे
कामकिए सबजनहित केही,चाहेजोभी अब उपमा दे
कथनी करनी एक थी उनकी,कहते पूरा करते भी थे
इसीलिए तो सारे विपक्षी ,उनसे हरदम जलते भी थे
सत्ता को भी मारदीठोकर,लेकिन झुके नहीं सीधेसाधे
ऐसे अटल थे जिनके इरादे......-
देखते रहना ध्यान से
जल्द ही कोई एक सूरमा
बैठेगा घुटनों के बल
और दुहाई देगा
आम जनता के हित की।
😊चाराहीन बेचारा😊-
कड़ाके कि ठंड ......
रजाई हटाओ ! !
लुगाई लाओ ! !
जनहित में जारी 😄😅😅-