कोई मरहम इन जख्मों पर असर नहीं पाता, तुम्हारा प्यार भी अब मुझे नज़र नहीं आता, सोचता हू भुला दू , तुम्हें और तुम्हारी यादों को, पर मुझे तो तुम्हारे सिवा कोई नज़र नहीं आता।
कि तू क्या इलाज करेंगा मेरे जख्मों का , मैं खुद एक बड़ा वेद हूं । और अगर कुछ करना ही है ना , तो वापस उस नजर से देख , मैं तेरे पहली नजर में कैद हूं ......
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