मेरी कलम से मेरी दोस्ती हो गई हैं,
वक़्त एैसे बीतता हैं जैसे खो गई हू,
शौक ज्यादा हैं मगर शब्द कम पड़ जाते हैं,
इस तरह बात कर लेती हूं अपने आप से
अब बताओ क्या लिखूं?🤔
अब बताओ क्या लिखूं?
मेरी कल्पनाओं में भी मुझे मिलता सुकून हैं,
अब बताओ क्या लिखूं?
अब सारी दिक्कतें दूर हो गई हैं,
अब बताओ क्या लिखूं?
हम दोनों अब एक हो गए हैं
अब बताओ क्या लिखूं?
मेरे शब्दों में ढूंढ लो अर्थ मेरी बातों का,
मैं कहना चाहती हूं मगर लफ्ज़ खो गए हैं,
अब बताओ क्या लिखूं?
काले काजल ओर बिंदिया लगाए हैं मैंने,
अब बताओ और क्या लिखूं?
तुमसे जुड़ा हर एक एहसास कुछ अलग सा हैं,
गले में लाल रंग के धागे पहन रखा है,
अब बताओ और क्या लिखूं?
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