पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता है पलकों को छुते ही सीधा दिल पे असर होता है महका महका सावन आज इस दिल को बहका रहा है गुमसुम सी नजरों को आज प्यार करना सिखा रहा है
पहले तो इसके अंदाज-ए-बयान ऐसे न थे क्या हुआ जो अब ये इतना मलाल करता है बड़ी-बड़ी बात को भी पहले नजरअंदाज करता था अब तो छोटी-छोटी बातों पर भी सवाल करता है