¥ छुट्टियों में सब घर चले जाते हैं और ख़ाली हो जाते हैं होस्टल के वो कमरे जहाँ दिन रात देखा करते हैं सपने कुछ बच्चे जो कल करेंगे निर्माण एक नये समाज का एक नये देश का। उनमें कोई गाँधी कोई सुभाष कोई भगत कोई कलाम है। लड़ना सभी को है, संघर्ष सभी के जीवन में है। सिर्फ किताबों से नहीं मिलते xxxxसबक जिंदगी के।xxxx