QUOTES ON #छुअन

#छुअन quotes

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20 OCT 2019 AT 18:15

हवाओं की छुअन में झुरझुरी सी लगती है ..
दिल बात बे बात ही मुस्कुराता है..
जज्बातों का बेवक्त गुनगुनाते रहना ..
तुम्हारा मेरे पास होना बता जाता है..

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19 JUN 2019 AT 23:32

आंखें, शब्द और आवाज़ काफी है उसकी, मेरे लिए,
किसने कहा कि छूना जरूरी है, छू जाने के लिए !

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19 AUG 2018 AT 13:57

हलवे में मिसरी के जैसा है
तेरा आँखों से छूना वैसा है।

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26 APR 2020 AT 11:53

अल्फ़ाज़ वो नहीं जो पढ़ के तारीफ़ करे कोई,
अल्फ़ाज़ तो वो हैं....! जनाब
जो शब्दों से हीं दिल को छु लें कोई।

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3 SEP 2021 AT 22:39

बनकर बूंद ओस की
हर रात तुझसे मिलने आती हूं
तेरी खिड़की के शीशे पर चुपके से
मोती बनकर ठहर जाती हूं
अनजाने ही तेरी नज़रें
पड़ती हैं मुझपर जब भी
मैं हौले से शर्मा कर
खुद में ही पिघल जाती हूं
हर सुबह ओझल कर देता है
तू अस्तित्व को मेरे
अपने ही हाथों से
पर तेरी उस एक छुअन के लिए
मैं हर रोज़ तेरे हाथों
मिटने चली आती हूं !!

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16 JAN 2018 AT 22:47

लेख हर रोज पुस्तक मेले में जाता, उसी स्टाल पर सारा वक्त खड़ा रहता जहाँ कविता की कहानियों की किताब थी। वो किताब को निहारता रहता; हर आने वालों से उसकी प्रशंसा करता; मगर किताब हाथ में नहीं लेता। एक बार छुआ था उसने कविता को और उनकी कहानी अधूरी रह गयी थी।

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12 JUN 2019 AT 12:30

नहाने में बहुत वक़्त लगता था उसे,
जाने किसकी छुअन धो रही होती थी।

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11 MAY 2019 AT 7:30

तेरे छूने के बाद, औरों ने भी छुआ मुझे
मगर जो पहले हुआ, दोबारा नहीं हुआ मुझे

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18 FEB 2018 AT 1:03

"उनकी हथेलियों के दर्द को मैंने
अपनी हथेलियों को चूमते देखा है।
सब छुअन का कमाल ही तो है।
की मैंने बोतलों के हाथों
इंसानों को झूमते देखा है।"

-वैदेही

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23 MAY 2017 AT 1:41

"तेरे होने के... अब भी कुछ निशान बाकी हैं"

मेरे बदन पर, तेरी छुअन के निशान बाकी हैं
मेरे बालों पर, तेरी उंगलियों के निशान बाकी हैं
मेरे कांधे पर, तेरी ज़ुल्फों के निशान बाकी हैं
मेरे पैरों पर, तेरे कदमों के निशान बाकी हैं
मेरे गालों पर, तेरे होठों के निशान बाकी हैं
तेरे होने के, अब भी कुछ निशान बाकी हैं

लकड़ी की उस बैंच पर, हमारे मिलन के निशान बाकी हैं
उस आईसक्रीम स्टॉल पर, हमारे पिघलने के निशान बाकी हैं
उस सिनेमाघर में, 'एक स्ट्रॉ से पीने' के निशान बाकी हैं
उस पार्क की गीली घाँस पर, तेरी-मेरी साँस के निशान बाकी हैं

मेरी रूह में, तेरी मदहोशी के निशान बाकी हैं
तेरे होने के, अब भी कुछ निशान बाकी हैं...
- साकेत गर्ग 'सागा'

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