QUOTES ON #चौखटपरशाम

#चौखटपरशाम quotes

Trending | Latest
21 APR 2018 AT 4:49

चौखट पर बैठी है शाम
चौखट पर ही बैठी रहती है
सुबह से रात तक
करती है इंतजार उस चाँद का
जो न आता कभी
न अमावस पर न पूनम पर

-


19 APR 2018 AT 22:49

चला के कटार नैनो की, घायल किये और चल दिये
उसपे बेखुदी का आलम है ये, हम उन्ही के हो लिए

-


19 APR 2018 AT 20:20


हमसे न सभलेगी मोहब्बत
हमारी पत्थरो से आशनाई है
हम भी चलते संग तेरे मगर
कदम बढ़ाते ही मुंह की खाई है

-


20 APR 2018 AT 6:25

चौखट पर बैठी है शाम
अलसाई सी
जाने किसकी बाट जोहती
कुम्हलाई सी
छोड़ कर अपना हर काम
चौखट पर बैठी है शाम
कभी डूबते सूरज को निहारती
कभी उगते चंद्रमा को बलिहारी जाती
कभी आकाश पर रंगों की छटा समेटती
कभी लेती है बार बार कोई नाम
चौखट पर बैठी है शाम
एक आहट से जीवंत हो उठे
एक मुस्कान के लिए ठहर जाए
यह घर जिसके आने से बन जाए धाम
तुम्हारे लिए
चौखट पर बैठी है शाम

-


19 APR 2018 AT 22:05

गोधुली बेला
ले मटमेला थैला
चले शनै शनै
क्षितिज ओर....
सिमटी सिंदूरी किरणे
उदित चन्द्रिका लाहे
अब्र की बंदरवार तो
ऐसे लगे हैं राम....
जैसे चौखट पर बैठी हैं शाम


-


20 APR 2018 AT 17:20

चौखट पर बैठी है शाम
आओ करें इससे बातें तमाम
भूल कर सभी दर्द और सब काम
चलो कुछ पल समर्पित करें ज़िन्दगी के नाम

-


20 APR 2018 AT 10:20

बना के अपना मुझको साथी, दिल में बसा के चल दिये,
हम तो यू ही देखते रह गए और आप मुस्कुरा के चल दिये,

-


19 APR 2018 AT 20:43

चौखट पर बैठी है शाम इक नज़र फ़ुरसत से देख ले..
माँ भी तो बेसबर होकर दरवाज़े को तकती होगी..

-


19 APR 2018 AT 22:33

धड़के बिन जाने अंजाम।
अब क्या दूँ दिल को इल्जाम।

खिड़की पर चढ़ती है धूप।
चौखट पर बैठी है शाम।

मै कैसा हूँ बिन जाने।
क्यों जपते है मेरा नाम।

इससे ,उससे है वादे।
सब करते है कितना काम।

माँ -बाबा पर ताले है,
बेटे करते चारों धाम।

-


19 APR 2018 AT 23:40

थोड़ा ज़ाम ज़मीं पे गिरा दिया करो,
इसकी रूह को नशे की ज़रूरत है,
कहीं बवंडर देखो, पिला दिया करो।
अधूरा किस्सा है जो धूल उड़ा रहा है,
हाथों में जाम लो ,दुआ किया करो।
ये तपिश, किसी बेचैनी का सबब है,
चुपचाप से शराब को बरसा दिया करो।
दिलजला कोई ,जो बिफरा सा पड़ा है,
जाम आशिक़ी का ,फिर बढ़ा दिया करो।
वो पत्थरों में फूल ढूंढता है,
कर सराय का इशारा,उसे बहका दिया करो।
ख़ामोश क्यों , किसी सदमे में पड़ा है,
दे जाम का सहारा, उसे समझा दिया करो।
ये अक्सर तुम्हारा नाम लेता है,
कागज़ की कश्ती पे लिख,
बारिश में बहा दिया करो।

-