समय चूकि पुनि का पछितानी,करले किसने रोका है बीता अवसर फिर नहीं आवे, यही सुनहरा मौका है दुनिया में संभव है सबही,असंभव सा कुछ भी नहीं
जिसने करके भीष्म प्रतिज्ञा,जंघाओं को ठोका है हिम्मत का पहला डग भरना,थोड़ा मुश्किल होता है इसके बाद राहों की मुश्किल,सिर्फ हवा का झोंका है तिरछी नजर से कत्ल हुआ मैं,होशोहवास सभी भूला भांप सका ना जालिम ने की,तीर नज़र का भोंका है मुश्किल कोभी खेल समझकर,मैदां में बस आही जा जय जयकार उसीकी होती,जिसने ठोका चौका है
बस ,यही सुनहरा मौका है .......
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