QUOTES ON #चुप्पीतोड़ो

#चुप्पीतोड़ो quotes

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4 APR 2018 AT 19:30



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14 JUN 2020 AT 8:29

तेरी चुप्पियों ने बौख़लाया मुझे ,
दिल का गुबार भला कैसे निकले
इतने भी संगदिल न बनो,
न मिल सको तो फ़ोन ही कर लो
इतने भी बुरे नहीं है हम ,
तेरी चुप्पी पे निकले मेरा दम ..

--🍂अमृता🍂

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9 SEP 2020 AT 23:17

कुछ अजीब से हालात
करे किससे अब बात
अपने ही घर में सुरक्षित नहीं
क्या झूठ के इतने लंबे हाथ
हटा दो चेहरों से अब नकाब
तब ही होगा हर मकसद कामयाब
तुम फरेब का खेल खेल सकते हो बेहिसाब
पर हम भी न हारेंगे सच है हमारे साथ
ये देश हमारा था हमारा ही रहेगा
अब देश का हर हिन्दू ये कहेगा
अब तो खोलो न यारों आंख
कब तक न करोगे सच की फरियाद
बात अब आगे निकल रही है
हर जगह बस मनमानी चल रही है
तोड़ दो चुप्पी दो सच का साथ
ताकत अपनी दिखा दो
अब तो गद्दी भी हिला दो
चुप रहोगे तो कमजोर समझ लेंगे
जब चाहे तुम्हारा अभिमान तोड़ देंगे
नीचता की हदें वो पार कर चुके
अब हम क्यों बेवजह झुके
दिखा दो अब एकता की शक्ति
यही है देश की सच्ची भक्ति

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5 APR 2018 AT 0:32

चुप्पी तोड़ो,मुंह तो खोलो,
यूं चुप क्यूं हो,कुछ तो बोलो,
क्या मैं बोलूं,क्यूं मै बोलूं,
जब सब तय हैं,तो मुंह क्यों खोलू।।
जाना था तुमको तो अाई क्यों??
मोहब्बत थी ना,तो अब रुसवाई क्यूं??

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5 APR 2018 AT 0:33

चुप्पी तोड़ो...
यथार्थ से नाता जोड़ो

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4 APR 2018 AT 22:39

चुप्पी तोड़ दो सनम
देखो आज की रात
तारो की टिमटिमाहट
चांद की मुस्कुराहट
महकते पुष्पो की सांसे
कोमल पत्तो की आवाजे
मन में मचाती आहट है
कि सब ही रहे है बोल
अपने दिल को खोल
तुम भी अपने अहसासो को
दिल में छुपे अरमानो को
परिधान ओढ़ा कर शब्दो का
तोड़ के चुप्पी आज
इस रात को बना दो
और खास

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कभी, कभी चुप्पी भी हमारी वो बोल जाती हैं...
जो जुबां हमेशा कहने से कतराती हैं.!!

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4 APR 2018 AT 21:09

चुप्पी तोड़ो एहसास बता दो..
हैं जो बात ख़ास बता दो..

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4 APR 2018 AT 20:28

चुप्पी तोड़ो
और बोलो....
आखिर क्यों किया तुमने मेरे साथ ऐसा...?
अब बोलते क्यों नहीं...!
क्या तुम्हें सिर्फ दिल तोड़ना ही आता है.....???

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4 APR 2018 AT 20:59

चुप्पी तोड़ो कि ये सन्नाटा खाने को दौड़ता है अब,
वक़्त की मार कह लो या ज़िंदा रहने की मजबूरियां,
ओढ़ ली जो हमने ये समाज की बंदिशों की चादर,
अब फटने को आयी है, जगह जगह से, प्रतिकार से,
सच के साथ खड़े रहने को हर पल धिक्कारती सी,
हर उस पहलू पर बोलने को प्रेरित करता है अंतस,
जिस पर नहीं बोलने देने का अधिकार रखा था समाज ने अपने पास,
चुप्पी तोड़ो कि आ गया है समय वो, कि अब न बोली तो उसी चुप्पी में गुम हो जाओगी एक दिन, बेनाम सी।


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