QUOTES ON #चुगली

#चुगली quotes

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24 APR 2020 AT 19:50

कुछ अजीब सी नगरी में हे घर मेरा
यहाँ लोग मिलते कम ओर चुगली ज़्यादा करते हे

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23 JAN 2019 AT 7:19

तेरे तन के तारों पर
रेंगती मन की उंगलियाँ
तेरी सिसकियों की सरगम
करती हमारी चुगलियाँ

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29 APR 2019 AT 13:49

जब मिलो इसकी उसकी चुगली में लग जाते हो
सच बताना, तुम्हारे पास कोई काम नहीं क्या
     ‌‌‌‌‌‌‌‌                                     -©सचिन यादव

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10 JUN 2018 AT 20:38

चुगली करता हर पन्ना तुम्हारी डायरी का
शौक है तुमको भी शेर ओ शायरी का

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4 JUN 2021 AT 17:17

आज का ताजा ज्ञान...✍🏻
औरतों की बातचीत का पांचवां गियर ये होता है
'बहन आप मेरा मुँह मत खुलवाओ'...

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27 JAN 2019 AT 12:49

लोग याद रखते हैं, मुझे अपनी चुगलियों में😋
कैसे कह दूँ? मुझमें कुछ खास नहीं है । 😎

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12 NOV 2017 AT 9:26

सच कहने का हुनर अब नहीं यहाँ, ना सच के लिए कोई ठौर है।
ये तो चुगलियों का दौर है, बस चुगलियों का दौर है।

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3 AUG 2017 AT 23:02

आओं बहन थोड़ी चुगली लगाते हैं,
दूसरों के घरों की कहानियां सुनाते हैं।
तुम अपनी सुनाना, मैं अपनी सुनाऊँगी,
छोटी छोटी बातों को बढ़ा चढ़ा कर बताऊँगी।
चलो पड़ोसी होने का फ़र्ज़ निभाते हैं,
भाभी जी के कान भर आते हैं।
चाय के नाम पर उनके घर जाते हैं,
थोड़ी हम ताक झांक कर आतें हैं।
हाय शर्मा जी की बेटी तो घर देर से आती है,
पता नहीं कहां कहां जाती हैं।
शुक्ला जी का बेटा भी कुछ कम नहीं,
महँगी गाड़ियों में घूमता हैं और
शौक भी बड़े वाहियात रखता है।
आओं हम ऐसा चक्कर चलाते हैं
इनकी कुछ अफ़वाह उड़ाते हैं,
चरित्र पर एक दाग लगाते है।
उनके सीधे सादे बच्चों को बदनाम कर आते हैं।
आओं बहन थोड़ी चुगली लगाते हैं,
भाई साहब को भी इनमें उलझाते हैं।
आओं बहन कपड़ो पर भी बातें बनाते हैं,
ट्रेंड ट्रेंड कर हाय हाय मचाते हैं।
चलो पड़ोसी होने का फ़र्ज़ निभाते हैं,
अच्छाइयों में भी खामियां निकालते हैं,
अपनी बातों के ताने कस सबका दिल दुखाते हैं।
आओं बहन थोड़ी चुगली लगाते हैं
दूसरों के घरों में ताक झांक कर नए किस्से बनाते हैं।।

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8 NOV 2020 AT 23:21

मुझसे नफरत करने वाले भी हद ही करते है
घर उनका होता है,,,,
और चर्चे मेरे नाम के करते है ।।

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21 AUG 2020 AT 4:58

# 21-08-2020 # गुड मार्निंग # रखिए #
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ईश्वर और मृत्यु शाश्वत सत्य है सदा स्मृति में रखिए ।

आत्म प्रशंसा-आत्म प्रपंच को सदा विस्मृति में रखिए ।

अपने जीवन और मन को परिस्थितिनुकूल ढाल लीजिए-

परनिंदा और चुगली को मन से सदा विस्मृति में रखिए ।

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