YQ Sahitya 25 APR 2021 AT 17:22 शबरी के बेर, सुदामा के चावल, विदुर की भाजी ! क्या इनका कोई मोल हो सकता है ? महत्व इस बात का नहीं है कि हम क्या दे रहे हैं, महत्व इस बात का है कि हम जो दे रहे हैं उसमें अपना हृदय उड़ेल रहे हैं या नहीं। - Anuup Kamal Agrawal 8 JUN 2018 AT 20:12 चार किताबें पढ़ कर ज्ञानी बन गया मैंदो पल मौन बैठा और ध्यानी बन गया मैंक्या बिड़ला क्या टाटा अम्बानी बन गया मैंमुट्ठी भर दे चावल दानी बन गया मैं - Anuup Kamal Agrawal 18 SEP 2018 AT 8:59 जब पड़ते हैं तेरी यादों के पाँवमेरे मन के आँगन मेंबिखर जाते हैं सारे शब्दचावल के दानों से - Vaidehi Rajput 14 NOV 2019 AT 19:27 वसुधा सोना उगल रही है धान की कटाई हो रही हैघर-आंगन अन्न के रुप में अन्नपुर्णा भरी जा रही है - Jai Kumaar 15 OCT 2018 AT 20:02 अक्षरों के भिगो के थोड़े चावल,मात्राओं की हरी दाल मिलाता हूँ,नमक, राई, और घी के शे'रों से, ग़ज़ल वाली खिचड़ी बनाता हूँ!! - Anuup Kamal Agrawal 21 OCT 2017 AT 13:53 नहीं पकने वालामेरी हांडी का भातन इसमें चावल हैन चूल्हे में आग - drsimple 1 AUG 2019 AT 23:29 आसमां में तारों को पसरा देख... मासूम बोला,माँ... देखो ना, चावल के दाने थाली में बिख़रे हैं..! - Sandeep Vyas 24 NOV 2018 AT 10:29 - Minakshi 12 JUN 2017 AT 19:16 मैं छोटू हूँ , बच्चा नहीमैं अपने घर का निवाला हूँमुठ्ठी में बन्द थोडा चावल हूँ , माँ का दुलारा हूँ - Sarika Saxena 2 JUN 2017 AT 6:35 आज खाने में चावल नहीं, बस रोटी पकायी हैदो जून की रोटी आख़िर बड़ी मेहनत से मिलती है। -