Himanshu Agarwal 1 NOV 2020 AT 6:16 वो लौट आये हैं मेरीं जिन्दगी में तबाही का मंजर देखने के लिए और में कामयाब होकर उनके सपने को चुर चुर कर बैठा हुँ हिमान्शु अग्रवाल - NiTu Singh 20 SEP 2017 AT 0:02 न भेजा कर यूँ चांदनी मेरे आँगन में । ऐ चाँद तेरी हरकतें मुझे हर रात तन्हा करती हैं ।। -