महकते रहो,चहकते रहो
पेशानी पे बेशक सुरमई रात हुई,कल आसमान में फिर जुगनुओं की बारात हुई,,,
चांद की बेवफाई से, फिर चकोर की मुलाकात हुई,,
एक नई उम्मीद लेकर लो आ गया सूरज,,
हर रेशमी डोर से देने यही पैगाम ,
हर रात के बाद आती है,भोर सुहानी,,
दिलों को धड़कने दो,बन कर फूल महकते रहो,,
इंतजाम सभी का कर देता है खुदा,सो चहकते रहो,।।।।💐💐💐💐
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