Babu Gangiya 22 MAR 2018 AT 7:44 रुआत से शुरुआत को मैंने वर्तमान बनाये रखा हैजमाने की परछाईयां हर बार चतुर्भुज बना रही हैइसीलिए वर्तमान को मैंने इत्मीनान थमाये रखा है - SHWETA SANJEEV GUPTA 9 JUL 2020 AT 6:23 यदि जीवन के चार कोण;धर्म, अर्थ, काम, मोक्षसमकोण बनाते हैं तभी चतुर्भुज बनेगाऔर चतुर्भुज मिलेंगेअन्यथा रहेगाअनियमित बहुभुजऔरअसीमित जीवन-चक्र - mayank dwivedi 14 DEC 2020 AT 5:08 ग़र ऐसी बात हैं तो समझना ही नही रेखाओं को सुख नहीं तो दुःख भी तो नहीं होगा -