For you my mom ❤
आज ले रही थी सिसकियाँ छुप कर अपनों से,
घुट रही थी खुद के ही फंसे जंजालों में,
कोस रही थी कुछ ना कर पायी मुश्किल हालातों में,
तभी एक प्यारी सी आवाज़ आयी मेरे कानों तक
फेरा उन्होंने अपना हाथ मेरे सिर में,
रुक गए आँसूं मेरे , एक स्पर्श से ही उनके,
भूल गयी मैं सारा दर्द उसी पल में,
सो गयी यूँ ही अपना सिर रख उनके गोदी में,
जैसे आराम की नींद मिल गयी हो उनके आँचल में,
आंखें खुली तब महसूस किया मैं तो हूँ जन्नत में
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