जो हमारा है नहीं, उससे क्या लेना-देना जिस गाँव जाना नहीं,वहाँ की ख़बर क्या लेना जिसे हमारी ग़ैर-मौजूदगी से फ़र्क़ तक न पड़े जाने दो उस शख़्स को अब तवज्जोह क्या देना
एहसास तेरे ना होने का बेचैन कर रहा है , तू मेरे आस पास है कहीं गया तो नहीं । बेवजह तेरी गैरमौजूदगी तड़पा रही है क्यों , तू जान है मेरी मेरे जिस्म सेे जुदा तो नहीं ।