मुझे उस दिन की फ़िराक है ,
थोड़ी इज़्ज़त की मुराद है ,
दिल और दिमाग भी पाक है ,
माना दिल थोड़ा गुस्ताख़ है ,
पा लें उस मुकाम को
बस इतनी सी आस है ,
इसके लिए तो ज़िन्दगी का
हर पल ख़ास है ,
कुछ पा न सके तो ये
ज़िन्दगी ही बर्बाद है ,
करना होगा खुद ही को
ये दुनिया तो दगाबाज़ है ,
मुझे उस दिन की फ़िराक है |
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