QUOTES ON #गुमसुम

#गुमसुम quotes

Trending | Latest
20 AUG 2020 AT 20:44

कई दिनों से निक्कमा बेकार सा पड़ा हूँ
ख़्वाबों ख़्वाइशों पे धूल सी ज़मीं है,

जाने ऐसा क्यूँ लगता है के
मैं कहीं खो सा गया हूँ
या शायद कोई रख के मुझे भूल गया है,
..............................
..... ...... .... .. ........
...... ...........................
........... ............... .........
वो पहले सा..
किसी को मैं कहीं मिलूँ तो बताना मुझे!

-


24 APR 2017 AT 20:19

गुमसुम फिरते रहते हम,

भले बेफिकर कहलाते हैं।

मुँह मोड़ चल दिए उस सच से,

जिसे जान के भी झुठलाते हैं।

-


31 MAR 2020 AT 15:52

बड़े गुमसुम से रहते हैं,
कोई शिकवा नही करते।

किसी के छोड़ जाने का,
अब परवाह नही करते।

सफ़र जो है मुक़द्दर में,
तो अब ठहरा नही करते।

अब सबसे दूर रहते हैं,
किसी से मिला नही करते।

खुशी की चाह नही 'विवेक'
अब ग़म से गिला नही करते।

-


9 MAY 2019 AT 15:47

' छोटी सी है जिन्दगानी '

आकाश में जैसे चंदा
धरती पे नदिया का पानी
तेरी चाल में हो रवानी
बस यही है जिन्दगानी|

छोटे से ही जीवन में फूल
दे जाते हैं लाखों खुशियां
बैठा रहे ना यूं गुमसुम
उदासी में खो न घड़ियां
ये जीवन तो दीवाने
दुख-सुख की है कहानी
कभी कम कभी ज्यादा
बस यही है जिन्दगानी|

रूकने वाले को राही
मंजिल मिलती नही है
एक बार जो छूट जाए
वो जिंदगी फिर मिलती नही है
रच अपने हौंसलों से
हर पल एक नई कहानी
तू छू ले अपना आसमां
क्यूंकि 'छोटी सी है जिन्दगानी '|.......निशि

-


9 AUG 2017 AT 12:47

मसरूफ़ है वो नई दुनिया में
जो कल तक मुझे ना होने देती थी

कुछ गुमसुम सी लगती है वो
जो कल तक मुझे ना रोने देती थी

मैं यहाँ याद करता हूँ उसे..
वो वहाँ याद करती होगी मुझे
जो कल तक मुझे ना भूलने देती थी

आज थक हार कर..
तन्हा-सी सो जाती है वो
जो कल तक मुझे ना सोने देती थी

है दुआ..
उसकी नई दुनिया रोशन रहे
जो कल तक मुझे रोशनी देती थी

- साकेत गर्ग

-


5 AUG 2017 AT 2:01

रूठे को मनाने को
नई बात बनाने को
क्यों ना फ़िर से... बात की जाये

भूले को याद दिलाने को
सोते को अब जगाने को
क्यों ना फ़िर से... बात की जाये

गुमसुम कब तक रहेंगे हम
थोड़ा सा खिलखिलाने को
क्यों ना फ़िर से... बात की जाये

जो बैठा है दूर उसे बुलाने को
पास वाले को गले लगाने को
क्यों ना फ़िर से... बात की जाये

दो दिन के मेले में बिछड़ेंगे सभी
इन दो दिनों को अमर बनाने को
क्यों ना फ़िर से... बात की जाये
- साकेत गर्ग

-


26 APR 2020 AT 1:59

कोई ऐसे देखे तो मैं गुमसुम गुमसुम रहता हूँ
मगर प्यार से बोलो तो फिर ढेरों बातें करता हूँ।।

-


11 JUN 2020 AT 14:35

शहरों का यू वीरान होना
कुछ यू ग़ज़ब कर गया...
बरसों से पड़े गुमसुम
घरों को आबाद कर गया...

-


13 MAR 2021 AT 23:02

Kash Koi Hakeem,
Mere Dil Ka Ilaj Kre.
Raat Hote Hi Yeh,
Gum Sum Sa Ho Jata Hai.

-


1 JUL 2021 AT 16:20

तुम्हारे बिना ये सफर बड़ा गुमसुम सा गुजरता है
तुम नही हो साथ मेर इसलिए ये सफर मुझे
काटने को दौड़ता है।

-