QUOTES ON #गीता

#गीता quotes

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31 MAY 2020 AT 11:03

रहे अल्लाह का करम
करें ऐसे काम हम
समझें राह सही
चलें मस्जिद-उल-हरम।
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्।।

आनंद की सूक्ति हो
दुःखों से मुक्ति हो
मन दर्पण हो धवल
गच्छन्तु, बुद्धम् शरणम्।
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्।।

दुष्कृतों का नाश हो,
साधुओं का वास हो,
लौटें धरा पर फिर
ईसा इब्न मरियम।
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्।।

रहे दृष्टि निर्मल
लगे सृष्टि निर्मल
भूलें सब द्वन्द हम
हो 'वसुधैव कुटुम्बकम्'।
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्।।

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2 DEC 2019 AT 8:39

मानस में एक प्रसंग आता है जब लखनलाल निषादराज गुह को उपदेश देते हैं, आइए आज उसी पर चर्चा

बोले लखन मधुर मृदु बानी । ज्ञान, बिराग, भगति रस सानी ।।

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4 AUG 2020 AT 8:14

गीता सार


श्री कृष्ण जी कहते हैं कि

इंसान पूजा अर्चना मंत्र जप सब करता है पर विस्वास किसी पर नहीं करता
ना पूरा पूरा विस्वास खुद पर है ना अपने आराध्य देव पर जिसकी वह पूजा करता है
कृष्ण जी कहते हैं और किसी पर नहीं कम से कम खुद पर तो पूरा पूरा विस्वास रखो
तो आपका काम अवश्य पूरा होगा

जय श्री कृष्णा 🙏🙏

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15 MAR 2021 AT 9:13

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1 MAY 2020 AT 12:57

हम सब मिट्टी के पुतले हैं,
सब मिट्टी ही हो जाना है।
कुछ दिन रहना है दुनिया में
फिर मिट्टी में सो जाना है।

क्या शोहरत पर इतराता है,
क्या दौलत पर इठलाता है,
दो दिन की चमक-धमक बंदे!
गुमनाम कहीं खो जाना है।

क्यों कुछ खोने पर रोता है,
कंटक जीवन में बोता है,
तू क्या लेकर के आया था
क्या लेकर तुझको जाना है।

जो आज है कल वह रूप नहीं,
अब छाँव नहीं कल धूप नहीं,
इक दिन हँस लेना है हमको
इक दिन हमको रो जाना है।

न रहना हमको सदा यहाँ,
न रहना तुमको सदा यहाँ,
जब तक रहना है इस वन में
कुछ फूल भले बो जाना है।

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20 DEC 2017 AT 12:33

अपने हाथों में मैं गीता, जुबां पर कुरान रखता हूँ।
खुद के भीतर अब भी एक जिंदा इंसान रखता हूँ।

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18 FEB 2018 AT 13:44

चली आना
मेरे जाने से पहले

यदि न हो स्मरण श्लोक गीता के
सुना देना पद अपनी कविता के

यदि न मिले गंगाजल
पिला देना दो बूँद अपने अश्रु के

यदि न मिले तुलसीदल
धर देना अपने अधरों को मेरे अधरों पर

मेरे जाने से पहले
चली आना

मुझे जाने की जल्दी नहीं
पर तुमसे मिलने की बेचैनी तो है

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9 OCT 2020 AT 14:27

युद्ध क्षेत्र में अर्जुन हुए विह्वल
सामने परिजन है सोच कर विकल
तब कृष्ण ने गीता का पाठ दिया
कहा आत्मा तो है अज़र अमर
मिटता तो बस शरीर ही है
जिसका जीवन भर करते हम पोषण
आगे कहा कृष्ण ने
हे अर्जुन! तू शोक ना करने
योग्य शोक करता है
जिनका जन्म हुआ मृत्यु निश्चित
इस बात तू हो जा निश्चित
आगे उन्होंने बताया कि
मेरे चार भक्त मुझको है प्यारे
जो मुझको बिन स्वार्थ पुकारे
जीवन में ऐसा बार बार होगा
पर तुझको सतपथ ही चुनना होगा
सत्य की लड़ाई में चाहे अपने ही मारे जाय
पर हे भरतवर्ष! तेरे कदम न लड़खड़ाए
शस्त्र उठा तू सत्य के लिए
शास्त्र अब यही तो कहता है
मृत्यु सबकी निश्चित है
फिर तू खुद को दोष क्यों देता है।

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29 OCT 2021 AT 0:18

Today people are ashamed of reading and
even talking about our greates hindus
Vedas, Upinishad and religious texts.

Their ignorance seems like these religious
texts are just a witless texts.

But what they don't know is that only a
foolish people or illiterate people can
ignore the divinity, grandeur of the
powerful Hindus religious texts.

Must read in Caption..

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14 MAY 2021 AT 12:11

हो सकता है दूर किसी "दुनिया" में,
अम्मी "कुरान" और "गीता" साथ लेकर
आज सुबह "सेहरी" के लिए उठी होगी,
और "इफ्तार" में "सेवई और मालपुआ"
साथ में खाई होगी..!!!
:--स्तुति

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